अब बाबा रामदेव करेंगे उत्तराखंड के किसानों का बेढ़ा पार

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उत्तराखंड सरकार ने बाबा रामदेव के साथ मिलकर राज्य में किसानों की फसल खरीद और जैविक क्षेत्र में विकास करने की तैयारी कर ली है। इसके लिये मंगलवार को मुख्यमंत्री, बाबा रामदेव औऱ आचार्य बालकृष्ण के बीच लंबी मीटिंग हुई।स्वामी रामदेव ने कहा कि पतंजलि संस्थान उत्तराखण्ड के किसानों को उनके उत्पादों के लिए प्रतिवर्ष एक हजार करोड़ रूपये से अधिक का भुगतान करने में सक्षम है। सिक्किम जिसे हाल ही में आॅर्गेनिक स्टेट का दर्जा दिया गया है, उससे कही अधिक भूभाग पर उत्तराखण्ड में आॅर्गेनिक खेती हो रही है। पतंजलि राज्य के उत्पादों के लिए बाईबैक सिस्टम बना रहा है। सरकार और रामदेव की संस्था पतंजलि के बीच

  • उत्तराखण्ड को जैविक कृषि एवं जड़ीबूटी राज्य बनाना
  • राज्य के मोटे अनाज की व्यवसायिक खपत को बढ़ाना
  • राज्य में आयुष ग्रामों की स्थापना करना
  • एक विशाल गौधाम(गौशाला) की स्थापना करना और
  • पर्यटन को बढ़ावा देने पर सहमति बनी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सारे सेक्टर राज्य की समृद्धि और खुशहाली की दृष्टि से गेम चेंजर साबित होंगे। इन सारे क्षेत्रों में सम्भावनाओं पर अभी तक काफी विचार-विमर्श हुआ है,परन्तु अब इसमें कुछ करके दिखाने की जरूरत है। इसके लिये अधिकारियों को एक महीने के अन्दर सभी क्षेत्रों में ठोस कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि जड़ीबूटी, औद्यानिकी, योग, आयुर्वेद और पर्यटन से राज्य के लोगो की आमदनी बढ़ाने पर कार्य किया जायेगा।

राज्य सरकार के सहयोग से एक विशाल गौशाला की स्थापना करने की योजना है, जिसमें 40 से 60 लीटर दूध देने वाली गायों की नस्ल तैयार की जायेगी। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि

  • पतंजलि की रिसर्च लैब और अन्य सुविधाओं को आयुर्वेद के शोधार्थियों और शिक्षकों के लिए खोला जायेगा।
  • पतंजलि के 300 से अधिक वनस्पति विज्ञानी राज्य की एक-एक जड़ीबूटी और पौधे का सर्वेक्षण कर उनका डाॅक्यूमेंटेशन कर सकते है।
  • राज्य में होने वाले 5 हजार कुंतल ऊन को पतंजलि द्वारा खरीदने पर भी सैद्धांतिक सहमति व्यक्त की गई।
  • गोपेश्वर में स्थित जड़ी बूटी शोध संस्थान द्वारा उत्पादित किये जाने वाली सभी जड़ीबूटियों को खरीदने की सहमति भी दी।