औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के रानीचौरी परिसर स्थित ग्रामीण कृषि मौसम सेवा केंद्र का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। केंद्र वर्तमान में उत्तराखंड के आठ जिलों को सेवाएं प्रदान कर रहा है। इसके तहत 49 हजार काश्तकारों को मौसम से जुड़ी जानकारी एसएमएस के माध्यम से दी जा रही है।
मौसम विज्ञान केंद्र ने जुलाई 2014 में जब इस सेवा की शुरुआत की, तब सौ के आसपास काश्तकार इससे जुड़े थे। धीरे-धीरे काश्तकारों को सेवा से जोड़ा गया और उनके मोबाइल नंबर केंद्र में फीड किए गए। नतीजा, आज यह संख्या बढ़कर 49 हजार पहुंच गई है। विदित हो कि परिसर में मौसम विज्ञान केंद्र तो पहले से ही काम कर रहा था, लेकिन किसानों को इसका लाभ नहीं मिल रहा था। इसी को देखते हुए केंद्र ने एसएमएस सेवा की शुरुआत की। ताकि किसान मौसम के हिसाब से खेती से संबंधित कार्य निष्पादित कर सकें।
प्रगतिशील काश्तकार मंगलानंद डबराल, कुशाल ङ्क्षसह आदि का कहना है कि केंद्र से मोबाइल पर जो एसएमएस मिलता है, उससे हमारे लिए खेती करना सुविधाजनक हो गया है। अब मौसम केंद्र की सूचना के हिसाब से हम रोपाई करने या फसल काटने की प्लानिंग करते हैं।
ऐसे दी जाती है जानकारीः मौसम विज्ञान केंद्र आने वाले सप्ताह के मौसम का पूर्वानुमान एसएमएस के माध्यम से किसानों को उपलब्ध कराता है। मसलन हल्की, मध्यम या तेज बारिश होगी अथवा धूप या बादल रहेंगे। तापमान कितना रहेगा वगैरह-वगैरह। साथ ही ये बताया जाता है कि संबंधित मौसम के हिसाब से कौन सी खेती उपयोगी होगी।
इन जिलों को मिल रही सेवाः टिहरी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ व चंपावत।
किसान को मौसम के पूर्वानुमान को लेकर मिल जा रही है सटीक जानकारीः इस संबंध में ग्रामीण मौसम कृषि सेवा केंद्र के तकनीकी अधिकारी प्रकाश नेगी का कहना है कि पहले किसान मौसम को लेकर अंदाजा लगाया करते थे, लेकिन अब उन्हें मौसम के पूर्वानुमान को लेकर सटीक जानकारी मिल जा रही है। आने वाले समय में इस सेवा से और काश्तकार जोड़े जाएंगे। ताकि वे किसी भी परिस्थिति के लिए अपडेट रहें।