मोदी के दौरे से पहले रावत का हमला, कहा दौरा चुनावी खाना पूर्ती है

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27 तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देहरादून दौरा है और इसके लोकर राजनीति भी तेज़ हो गई है। रविवार को देहरादून में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस दौरे को लेकर प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया। रावत ने प्रधानमंत्री के देहरादून दौरे को महज़ चुनावी दिखावा बताते हुए कहा कि हवा-हवाई दावा करने आ रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी। गौरतलब है कि मोदी 27 को राज्य में आॅल वेदर रोड प्राॅजेक्ट के शिलान्यास करेंगे, इसपर बोलते हुए रावत ने कहा कि “प्रदेश में पहले से ही ऑल वैदर रोड मौजूद है। केंद्र द्वारा चारधाम सड़कें ऑल वैदर रोड को प्रचारित किया जा रहा है ये राज्य के हित के खिलाफ है। क्योंकि ये सन्देश जाएगा कि चारधाम की सड़कें खराब हैं। चार बार हमारी केंद्र से मीटिंग हो चुकी है ब्रिज और बाईपास बनाने के लिए। लैंड स्लाइड की ट्रीटमेंट के लिए गडकरी जी से बात हो चुकी है। यमुनोत्री की सड़क को विकासनगर से कनेक्ट करने का अनुरोध करेंगे। केंद्र सरकार के ऑल वैदर रोड शब्द से मुझे एतराज है क्योंकि ये सब बातें हवा-हवाई हैं और चुनावी हैं। यूपीए सरकार के समय 8000 करोड़ का पैकेज मंजूर किया था। वो पैसा मिले और केंद्र ने इसमें से जो पैसा खर्च कर दिया है वो पैसा भी हमको मिले।”

लोकायुक्त की नियुक्ति पर भी सीएम ने दी सफाई। कहा हमने अपना काम कर दिया है और अब जिनको काम करना है वो अब इसके लिए काम करें।

सीबीआई के समन पर बोले सीएम रावत, कहा “हमने हाईकोर्ट में दरखासत लगाई थी कि सीबीआई की याचिका को जल्द निस्तारित किया जाय। कोर्ट ने 7 जनवरी की डेट लगाई है। हमारे याचिका को खारिज़ नहीं किया गया है। मैं राज्य का सीएम हूं मुझे पूछताछ के अपने स्तर से जगह तय करने का अधिकार है।”

चुनाव के दौरान कांग्रेस के प्रचार में बाधा डालने की हो रही है कोशिश। “आखिर सीबीआई इतने समय बाद क्यों हुई है एक्टिव। जिस स्टिंग पर राष्ट्रपति शासन लगा वो हट गया तो स्टिंग का अब क्या औचित्य। मैंने कोई खरीद-फरोख्त नहीं की। स्टिंग से ये प्रूफ हो गया कि हमारी सरकार को गिराने की कोशिश की गयी।”

मुख्यमंत्री ने मांग रखी कि

  • सरकार गिराने का षड्यंत्र हुआ है बीजेपी के नेता शामिल रहे हैं इसकी जांच होनी चाहिए।
  • स्टिंगकर्ता ने कहा कि सीएम कार्यालय में कोई सेटर है उसकी भी जांच होनी चाहिए।
  • स्टिंगकर्ता ने पैसे उपलब्ध कराने की बात कही है उसके पास इतने पैसे कहां से आए इसकी जांच होनी चाहिए।

सीएम हरीश रावत ने हरक सिंह रावत और अमृता रावत को लिया निशाने पर। कहा जब इनके घोटाले उजागर हुए तभी इनको बर्खास्त कर देना चाहिए था। मुझे विश्वसनीय सूत्र से जानकारी मिली है कि सीबीआई को कहा गया है कि रावत को तलब करो और स्थानीय नेताओं से कहा गया है कि रावत के खिलाफ कुछ लाओ।

राज्य में चुनावी माहौल गर्म हो गया है और ऐसे में दोनों प्रमुख विपक्षी दल अपने तरक्श में रके तीरों को धार दे रहे हैं। आने वाले दिनों में चाहे सीबीआई की जांच हो या केंद्र द्वारा उसके दुरुपयोग का मामला, या भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी प्रदेश सरकार आरोपों का ये दौर और तेज़ ही होने वाला है। दिलचस्प होगा ये देखना कि 27 तारीख को एक मंच साझा करने वाले प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री हरीश रावत उस मंच का प्रयोग किस तरह के राजनीतिक फायदे के तौर पर करते हैं।