सोमवार शाम को जैसे ही दिल्ली में बीजेपी पार्टी मुख्यालय में जे पी नड्डा ने उत्तराखंड चुनावों के लिये पार्टी के 64 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की वैसे ही ये अंदेशा लगाया जा रहा था कि पार्टी में बगावत के सुर बुलंद होंगे। इसका सबसे बड़ा कारण था बीजेपी का कांग्रेसी बागियों की तरफ प्रेम। पार्टी ने पिछले साल विधानसभा में कांग्रेस के खिलाफ विद्रोह कर बीजेपी में आये सभी नौ विधायकों को टिकट दे दिये हैं। इनमें
- हरक सिंह रावत : कोटद्वार
- शैला रानी रावत:केदारनाथ
- कुवंर प्रणव चैंपियन: खानपुर
- प्रदीप बत्रा: रुड़की
- सौरभ बहुगुणा: सितारगंज
- सुबोध उनियाल : नरेंद्रनगर
- उमेश शर्मा काउ: रायपुर
- यशपाल आर्या: बाजपुर
- संजीव आर्या: नैनिताल
- शैलेंद्र मोहन सिंघल: जसपुर
- सतपाल माहराज: चौबटाखाल
इसके चलते पार्टी में विरोध के सुर बुलंद होने लगे हैं। गंगोत्री सीट पर बीजेपी नेता सूतराम नौटियाल ने निर्दलिय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। अन्य कई सीटों पर जहां सालों से पार्टी की सेवा कर रहे नेता फल मिलने का इंतजार कर रहे थे वहां से भी आने वाले दिनों में विद्रोह होने की संभावना है।
हांलाकि पार्टी का रहना है कि सब कुछ ठीक है। पार्टी प्रवक्ता देवेंद्र भसीन ने कहा कि ” पार्टी आलाकमान ने टिकटों का बंटवारा सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर किया है। राज्य में बीजेपी का विस्तार हो रहा है और ऐसे में नये लोग जुड़ रहे हैं, इससे पार्टी की एकता को बल मिलेगा ”
अभी कांग्रेस की लिस्ट का इंतजार है और राजनीतिक गलियारों में ये खबरें तेज़ हैं कि आने वेला दिनों में और भी कांग्रेसी नेता बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो ये देखना दिलचस्प होगा कि बड़ी संख्या में कांग्रेस के खेमे में सेंध लगाना बीजेपी के लिये फायदेमंद होगा या परेशानी का सबब बनेगा।