उत्तराखंड से लाल बत्तियां हुई गायब

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केंद्र सरकार का लाल बत्तियों के इस्तमाल पर बैन का फैसला 1 मई से लागू होना है लेकिन इसका असर उत्तराखंड में दिखने लगा है। गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सभी गाड़ियों से लाल बत्ती हटा दी गई। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि ’’लालबत्ती कल्चर को समाप्त करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है, और इसी क्रम में मेरी गाड़ी से आज से लालबत्ती हटा दी गई है’’। विधानसभा अध्यक्ष व प्रदेश सरकार के सभी मंत्रीयों द्वारा अपनी-अपनी गाड़ियों से लालबत्ती हटा दिए जाने पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने सभी का आभार व्यक्त किया है। राज्य संपत्ति विभाग ने भी उन सभी सरकारी वाहनों से लाल बत्ती हटाने के लिये आदेश जारी कर दिये हैं जिन पर अबी तक लाल बत्तियों का प्रयोग हो रहा था और जो केंद्र सरकार के ताजा आदेश के बाद इसका प्रयोग नहीं कर सकते हैं।

गौरतलब है कि बुधवार को केंद्रीय मंत्रीमडल की एक बैठक में ये फैसला लिया गया कि ऐमरजेंसी वाहनों और पुलिस के वाहनों के अलावा सभी वीआईपी और अन्य अधिकारियों की गाड़ियों पर लगने वाली लाल बत्तियों का इस्तेमाल 1 मई से नहीं होगा। इस बैठक की अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। इस फैसले के दायरे में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी आयेंगे। पिछले महीने ही उत्तरप्रदेश और पंजाब के मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ और कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी अपनी गाड़ियों से लाल बत्तियां हटा दी थी। सराकरी गाड़ियों में लाल बत्ती के प्रयोग पर सुप्रीम कोर्ट भी कई बार तीखी टिप्पणी कर चुका है। कोर्ट ने कहा था कि लाल बत्तियां सिर्फ बेवजह ताकत और स्टेटस सिंबल का प्रतीक हैं और इन्हें जल्द से जल्द हटा देना चाहिये।