उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्र में बढ़ते हुए तापमान ने लोगों को बेहाल कर दिया है, और कुछ ऐसा ही हाल पहाड़ों का भी है। पहाड़ी क्षेत्रों में बढ़े हुए तापमान ने गर्मी के साथ मौसम को शुष्क कर दिया है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून ने तापमान के बहुत उतार चढ़ाव देखे गए और पिछले हफ्ते तापमान बढ़ के 37-38 डिग्री तक पहुंच गया जो अब तक का सबसे गर्म तापमान रहा पिछले 16 सालों में।लंबे समय तक शुष्क मौसम, लू और तापमान के बढ़ने की वजह से राज्य में तबाही के दरवाजे वन अग्नि के रूप मे खुल गए हैं। पिछले साल की गर्मियों में प्रदेश ने पहाड़ी क्षेत्रों में जंगलो को तबाह होते देखा है, जंगलों को राख होते देखा है और जैसे हालात है आने वाली गर्मी एक बार फिर यही संकेत दे रही है।
दो दिन पहले मसूरी के नालापानी में जंगली क्षेत्रों में लगभग 5 हेक्टेयर जंगल आग लगने की वजह से खाक हो गए।जंगल में लगने वाली आग 6:30 से शुरु हुई जिसको रोकने में फारेस्ट डिर्पाटमेंट को लगभग डेढ़ घंटे लगे। मसूरी एसडीओ के.पी वर्मा ने बताया, ‘फारेस्ट डिर्पाटमेंट अपनी तरफ से सभी सावधानियां बरत रहा है, फायर लाईन बनाने के साथ, अस्थायी फारेस्ट गार्ड जिनको आग बुझाने से लेकर अन्य चीजों की ट्रेनिंग दी गई है। इस समय के लिए हर पद की छुट्टिया कैंसल कर दी गई है और हमने कुछ समर्पित नंबर शुरु किए है किसी भी आग से संबंधित इमरजेंसी के लिए।’
15 फरवरी से 15 जून को फारेस्ट फायर सीजन कहा जाता है, क्योंकि इसके दौरान तापमान में उतार चढ़ाव देखा जाता है, साथ ही जंगलों में आग की कतार देखी जा सकती है। जबकि दिन में आग से होने वाला धुंआ इस बात का परिचायक है कि कहीं आग लगी है। हर साल उत्तराखंड के लगभग 3400 स्क्वायर फीट हरे भरे जंगल, वन अग्नि की गिरफत में आते हैं।
मसूरी और रायपुर रेंज मे आग लगने पर कृपया इस नंबर पर काल करेः
- मास्टर कंट्रोल रुमः 8954138283