रिवर राफ्टिंग ने ऋषिकेश की पहचान देश-विदेश में बनायीं है, लेकिन पिछले कुछ सालो से यहाँ के राफ्टिंग जोन में हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे है। बीते कुछ सालो में इस साहसिक खेल पर हादसों का ऐसा धब्बा लग गया है जिस में मोजमस्ती के लिए आया पर्यटक अपनी जान तक गवा चुके है लेकिन हादसे है की रुकने के नाम नहीं ले रहे है, फिर भी पर्यटक पहुंचकर राफ्टिंग का मजा ले रहे है।
उत्तराखंड के साहसिक पर्यटन की पहचान बन गयी रिवर राफ्टिंग अब नयी उचाईयो को छूने लगी है, अभी तक आपने अगर रिवर राफ्टिंग का मजा नहीं लिया है तो चले आईये ऋषिकेश क्योकि अब रिवर राफ्टिंग के कुछ ही दिन बाकि बचे है। आम तोर पर गंगा का जलस्तर बढ़ते ही 25 जून के आस पास रिवर राफ्टिंग सीजन का समापन हो जाता है, पर्यटक लगातार वीकेंड पर वाइट रिवर राफ्टिंग का ऋषिकेश में मजा ले रहे है।
उत्तराखंड में रीवर राफ्टिंग पर्यटन का मुख्य आधार है जिस ने विश्व के नक़्शे पर ऋषीकेश की पहचान बनायीं है। गंगा के रेपिड पूरे विश्व में अपने रोमांच के कारण जाने जाते है। लहरों कि सवारी का ये अहसास जिदगी भर उनको रोमांच कि अनुभूति करता रहता है, लेकिन मुनाफे का ये सौदा अब धीरे धीरे पर्यटकों की जान पर भरी पड़ता जा रहा है, आंकड़ों की तरफ देखा जाये तो पिछले पांच सालों में गंगा में डूबने से 140 पर्यटकों की जान गयी है।