देहरादून, आरटीआई कार्यकर्ता रामेश्वर मिश्रा को नगर स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा दी गई धमकी का मुद्दा डीजीपी तक पहुंच गया है। इस संदर्भ में रामेश्वर मिश्रा ने उचित कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस महानिदेशक को सौंपे गए पत्र में मिश्रा ने कहा है कि, समाजसेवी आलोक कुमार के साथ नगर निगम स्वास्थ्य अधिकारी के कक्ष में गया था, जहां आरटीआई कार्यकर्ता का नाम सुनते नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा.कैलाश गुंज्याल द्वारा अभद्रता की गई तथा दर्जनों लोगों को बुलवाकर मुझे जान से मारने की कोशिश की गई तथा मेरा मोबाइल तक तोड़ दिया गया। जिसकी पूरी रिकॉर्डिंग मेरे पास है। साथ ही समाजसेवी आलोक कुमार द्वारा भी इस तथ्य की पुष्टि की जा सकती है। मैं सूचना अधिकार के तहत मैं भ्रष्ट अधिकारियों की पोल खोलता रहता हूं, जिसकी जानकारी डा. कैलाश गुंज्याल को थी, यही कारण है कि उन्होंने मेरे साथ इस तरह की अभद्रता अपने सहयोगियों के साथ मिलकर की। मुझे मानसिक और शारीरिक कष्ट तो पहुंचा ही है,भविष्य में कोई आरटीआई कार्यकर्ता भ्रष्ट अधिकारियों की पोल ऐसे में नहीं खोल पाएगा। यह पूरी तरह समाज के लिए घातक है। डा. कैलाश गुंज्याल की इस धमकी तथा उनके सहयोगियों की चेतावनी और मारपीट से मुझे जान का खतरा है। यदि भविष्य में कोई घटना और दुर्घटना होती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी डा. कैलाश गुंज्याल और उनके सहयोगियों की होगी।”
मिश्रा का कहना है कि, “स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा दी गई धमकी से उन्हें काफी पीड़ा पहुंची है और उन्हें सुरक्षा की सख्त जरूरत है।”