उत्तराखंड कांग्रेस में फंसा “सहसपुर” पेंच

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उत्तराखंड में सोमवार को भी नाराज़ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का गुस्सा प्रदेश पार्टी कार्यालय को झेलना पड़ा। रविवार को कांग्रेस उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होते ही देहरादून में पार्टी कार्यालय पर टिकट कटे नेताओं के नाराज़ उम्मीदवारों ने जमकर हंगामा किया था।इसमें सबसे आगे थए प्रदेश महासचिव आर्येंद्र शर्मा के समर्थक। सोमवार को भी दोपहर होते ही उनके समर्तकों ने पार्टी आॅफिस पर जमकर नारेबाज़ी और तोड़ फोड़ करी। ये लोग सहसपुर सीट पर पर्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को टिकट देने का विरोध कर रहे थे। आर्येंद्र शर्मा पिछले चुनावों में बीजेपी उम्मीदवार से हार गये थे और लंबे समय से क्षेत्र में 2017 चुनावों की तैयारी में लगे हुए थे।

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कांग्रेस के लिये भी सहसपुर सीट गले की हड्डी बनती जा रही है। रविवार को टिकटों की घोषणा के साथ ही किशोर उपाध्याय ने खुद सहसपुर से लड़ने का मन न होने का बयान दिया था। किशोर का कहना था कि वो सहसपुर से लड़ने को तैयार नहीं थे लेकिन पार्टी आलाकमान ने उन्हें वहीं से लड़ने का आदेश दिया है इसलिये वो लड़ेंगे। टिकट कटते ही आर्येंद्र शर्मा ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी। ऐसे में कांग्रेस के लिये ये सीट निकाल पाना टेढी खीर सबित हो सकता है क्योंकि न केवल किशोर उपाध्याय का बाहरी होने के चलते विरोध हो सकता है बल्कि आर्येंद्र के चुनाव मैदान में निर्दलीय उतरने से कांग्रेसी वोटों के भी कटने का खतरा रहेगा।

जानकारों का कहना है कि कांग्रेस ने ये दांव खेल के अपनी मुसीबतें बढ़ा ली हैं। जो नेता पिछले पांच सालों से क्षेत्र में तैयारी कर रहा है उसका टिकट काट कर पार्टीने एक ऐसा उम्मीदवार मैदान में उतारा है जो सार्वजनिक तोर पर वहां से चुनाव न लड़ने की बात कर रहा है। फिलहाल दिल्ली से खबरें आ रही है कि पार्टी में इस विरोध के चलते पुनर्विचार की बात हो रही है। जबतक इस सीट पर कोई और पैसला या समझौता नहीं होता है तब तक ये तो तय है कि ये सीट कांग्रेस के लिये गले की फांस बन गई है।