संगीता को बुलंद हौसलों से मिला गोल्ड

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काशीपुर: दिल में कुछ कर गुरने की तमन्ना हो और हौसले बुलंद हो तो मंजिल तक पहुंचना मुश्किल नहीं होता, कठिन मेहनत और परिश्रम की बदौलत काशीपुर की संगीता छाबड़ा ने भी ये साबित कर दिया है कि लक्ष्य अगर सामने हो तो कोई भी कठिनाई आपके हौसलों के सामने टिक नहीं सकती, न्यूजीलैंड में चल रही 19वीं ओशिनियां मास्टर्स चैंपियनशिप के जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीतकर संगीता ने देश का नाम रोशन किया है, और ये साबित कर दिया है कि उनकी मेहनत और लगन ने ही उनको इस मुकाम तक पहुंचाया है।

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काशीपुर के मानपुर रोड कालोनी में रहने वाली संगीता छाबड़ा ने 21 जनवरी को न्यूजीलैंड के इंटरनेशनल ओपन मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जैवलिंग थ्रो में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का तिरंगा फहराया। संगीता छाबड़ा 1998 में पुलिस में भर्ती हुई थीं। इनकी पहली तैनाती नैनीताल में हुई थी। राज्य के बंटवारे के समय उन्हें उत्तराखंड पुलिस में सेवा करने का मौका मिला। 2005 में उत्तराखंड पुलिस में उन्हें महिला वेटलिफ्टिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके साथ ही वह जैवलिन थ्रो शॉटपुट और चक्का फेंक खेलने का भी शौक रखती हैं। नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर अभी तक दो गोल्ड तीन सिल्वर और एक ब्राज मेडल वह हासिल कर चुकी हैं। उन्हें न्यूजीलैंड में खेलने का मौका मिला तो देश के लिए गोल्ड मेडल दिलवा दिया। संगीता छावड़ा वर्तमान में काशीपुर स्टेडियम में वेटलिफ्टिंग की कोच हैं।