सड़कों पर उतरे बच्चे शिक्षा मंत्री से कर रहे सवाल

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पिथोरागढ(मदकोट) -आधा शिक्षा सत्र गुजर गया है और विद्यालय शिक्षक विहीन बने हैं। प्रतिदिन शिक्षकों के आने की आस में विद्यालय पहुंच रहे छात्र-छात्राओं का धैर्य आखिर जबाव देने लगा है। राइंका मदकोट के छात्र-छात्राओं ने हमें भी पढ़ाओ नारों के साथ कक्षाएं छोड़ कर जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया। बच्चों के सड़क पर उतरते ही उनके अभिभावक भी समर्थन में आ गए।

आदर्श राइंका मदकोट में दूर दराज के ग्रामीण बच्चे कई किमी पैदल चल कर पढ़ने आते हैं। विद्यालय में हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, अर्थशास्त्र, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और गणित के प्रवक्ताओं के पद रिक्त चल रहे हैं। इन कक्षाओं में बच्चे खाली बैठे रहते हैं। नए शिक्षा सत्र में सरकार ने शिक्षकों का तबादला तो कर दिया परंतु उनके प्रतिस्थानी नहीं भेजे गए। आधा सत्र समाप्त होने जा रहा है। इन विषयों की कक्षाएं आज तक नहीं चल सकी हैं।

जब छात्र-छात्राएं विद्यालय पहुंची तो उनका धैर्य जबाव दे गया। कक्षाओं में खाली बैठे छात्र-छात्राओं ने शिक्षक दो, हमें भी पढ़ने का अधिकार है के नारे के साथ कक्षाओं का बहिष्कार कर बाजार में जुलूस निकाला। विद्यार्थियों ने लगभग दो घंटे तक प्रदर्शन किया। इस दौरान कई अभिभावक भी जुलूस में शामिल हो गए।

प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं का कहना था कि इंटर में कला और विज्ञान वर्ग में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नही है। घरों से पांच से 10 किमी पैदल चलकर पढ़ने आते हैं। विद्यालय में कक्षों में बैठकर खाली दीवारों को ताकना पड़ता है। सरकार को गरीबों और ग्रामीणों की शिक्षा से कोई लेना देना नहीं रह चुका है। इधर अभिभावकों ने आंदोलन का समर्थन करते हुए शीघ्र शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने पर आंदोलन का नेतृत्व करने की चेतावनी दी है।