अगर बच्चों का पूरा विकास चाहते हैं तो उसकी शुरुआत बचपन से ही होती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए स्कूली बच्चों की प्रतिभा को संवारने के लिए टिहरी गढ़वाल के डीएम ने एक नई पहल शुरू की है। इस पहल के तहत स्कूली बच्चों को सप्ताह में एक दिन के लिए डीएम बनाया जाएगा।
टिहरी की नई डीएम सोनिका ने सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं में जिम्मेदारी समझने की क्षमता विकसित करने के लिए एक पहल की है। इसमें दसवीं और 12वीं के बच्चों को सप्ताह में एक दिन कलेक्ट्रेट में डीएम के साथ बिठाया जाएगा।
इससे बच्चे एडमिनिस्ट्रेशन के कामकाज और तौर तरीकों से तो अवगत होंगे ही, इसके अलावा उनसे अलग-अलग मसलों पर राय भी ली जाएगी। बच्चों के चयन की जिम्मेदारी मुख्य शिक्षाधिकारी की होगी।
बातचीत में उन्होंने खुलासा किया कि इसके लिए प्रत्येक सरकारी विद्यालय से कक्षा 11वीं और 12वीं के प्रतिभाशाली दो या तीन बच्चों का चयन किया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि जल्द ही इसके लिए दिन निर्धारित कर दिया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई की संभवत: अगले सप्ताह से यह प्रयोग शुरू हो जाए।