उत्तराखण्ड के राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल ने कहा कि स्थानीय प्रशासन को शिक्षण संस्थानों तथा सार्वजनिक स्थानों पर तम्बाकू व अन्य नशीले पदार्थों के विक्रय पर प्रतिबन्ध सम्बन्धी कानून का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करना होगा। तम्बाकू सेवन जैसे व्यसनों के प्रति बच्चों व युवाओं को बचाने के लिए स्कूलों, शिक्षण संस्थानों में योग व प्राणायाम को प्रोत्साहित किया जाना जरूरी है। योग भारतीय संस्कृति की ऐसी पद्धति और अभ्यास है जो बुरी प्रवृत्तियों की ओर जाने से रोककर रचनात्मक दिशा में ले जाती है।
तम्बाकू सेवन से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों का भी उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि बच्चों और युवाओं को ‘साइलैंट किलर’, तम्बाकू सेवन जैसी सभी बुरी प्रवृत्तियों से सुरक्षित रखना आवश्यक है। राज्यपाल आज राजीव गाँधी नवोदय स्कूल तपोवन, देहरादून में ‘वल्र्ड लंग फाउण्डेशन’ द्वारा उत्तराखण्ड सरकार के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे।
उत्तराखण्ड को तम्बाकू मुक्त राज्य बनाने की पहल के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में राज्यपाल ने महानिदेशक शिक्षा से अपेक्षा की कि प्रदेश के स्कूलों में योग को प्रोत्साहित करके बच्चों के आत्मबल को मजबूत करने का प्रयास करें ताकि बुरी प्रवृत्तियों की ओर उनका झुकाव न हो सके। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का भी दायित्व है कि वे बुरी आदतों से बचने के लिए बच्चों को लगातार जागरूक करते रहें। जिन बच्चों के अभिभावक तम्बाकू का सेवन करते हैं उन पर नियंत्रण के लिए बच्चों को तैयार किया जाए तभी इसके बेहतर परिणाम होंगे। उन्होंने बच्चों का आह्वाहन किया कि बुरी आदतों से प्रभावित होकर खुद को भटकने से रोकने के लिए अच्छे कामों में व्यस्त रहें। राज्यपाल ने, उत्तराखण्ड को तम्बाकू मुक्त करने के लिए ‘वल्र्ड लंग फाउन्डेशन’ के प्रयासों की सराहना की।
कार्यक्रम में तम्बाकू के सेवन के दुष्परिणामों से लोगों को जागरूक बनाने के अभियान के अन्र्तगत स्कूलों में ‘तम्बाकू मुक्त उत्तराखण्ड’ विषय पर आयोजित राज्यस्तरीय निबंध तथा चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को राज्यपाल द्वारा सम्मानित भी किया गया।
Home Uttrakhand Dehradun स्कूलों में प्राणायाम-योगाभ्यास को प्रोत्साहित करने का प्रयास हों: राज्यपाल