कृषि शोध पर फोकस करें वैज्ञानिक: सीएम त्रिवेंद्र

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    देहरादून। राज्य में कृषि को मजबूत करने में वैज्ञानिक तकनीक अहम भूमिका निभा सकती है। इसलिए वैज्ञानिकों के राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों की ओर ध्यान देना चाहिए। पंतनगर विश्वविद्यालय के गांधी हाल में 102वें अखिल भारतीय किसान मेले के शुभारंभ के मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए किसानों को विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं।
    शुक्रवार को शुरू हुए मेले में मुख्यमंत्री ने कहा कि वैज्ञानिकों को राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों की ओर भी ध्यान देना चाहिए। मुख्यमंत्री ने वैज्ञानिकों से खेती की नई और आधुनिक तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने को कहा। उन्होंने ऐरोमैटिक प्लांट्स की खेती की विश्व स्तर पर बढ़ती मांग को देखते हुए कहा कि इन पौधों की खेती की उन्नत तकनीकें किसानों को सुलभ कराने पर बल दिया जाए। छोटे स्तर पर पालीहाउस में बेमौसमी खेती की भी उन्होंने आवश्यकता जताई।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के किसानों की आय को बढ़ाने के उपाय किए जाने एवं पर्वतीय क्षेत्रों से युवाओं के पलायन को रोकने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार पर ध्यान देने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषको को एक लाख तक का ऋण दो प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तराई बीज निगम की साख को पहले की तरह लाने के लिए बुद्धिजीवियों व वैज्ञानिकों के सुझाव लिए जाएगे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने मेले में लगाई गई उद्यान प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
    इस मौके पर गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एके मिश्रा ने कहा कि कृषि लागत में कमी एवं कृषि उत्पादकता में वृद्धि के द्वारा किसानों की आय दोगुना करने के लिए विश्वविद्यालय प्रयासरत है। उन्होंने बताया की वर्ष में दो बार आयोजित होने वाले विश्वविद्यालय के किसान मेले में हजारों की संख्या में किसान भाग लेते हैं, जो उत्तराखण्ड के अतिरिक्त विभिन्न प्रदेशों व नेपाल से भी आते हैं। उन्होंने किसानों को फलों एवं सब्जियों, जिनको अधिक समय तक भण्डारित नहीं किया जा सकता, के मूल्यवर्धित उत्पाद बनाये जाने की सलाह दी, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सके। साथ ही कृषि अधारित व्यवसाय, जैसे मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन, मुर्गी पालन, पशुपालन, मछली पालन इत्यादि को अपनाने को कहा।
    इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने खेती में अभिनव प्रयोग करने और उल्लेखनीय सफलता के लिए राज्य के विभिन्न जनपदों से चुने गए नौ प्रगतिशील कृषकों को प्रतीक चिह्न व प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया। सम्मानित होने वाले किसानों में प्रदीप रस्तोगी, ग्राम भोगपुर, जिला उधमसिंह नगर, सुनील कुमार, ग्राम थिथकी कवादपुर, जिला हरिद्वार, नरेन्द्र गोबाड़ी, ग्राम भटेरी, जिला पिथौरागढ़, खुशाल सिंह, ग्राम मुंदोली, जिला चमोली, नरेन्द्र सिंह मेहरा, ग्राम देवली मल्ला, जिला नैनीताल, परवीन कुमार, ग्राम शाहपुर-कल्यानपुर, जिला देहरादून, महेश चन्द्र काण्डपाल, ग्राम कोटयूडा, जिला अल्मोड़ा, पंकज तिवारी, ग्राम अथखण्डी, जिला चम्पावत और रंजना रावत, ग्राम भीरी (ऊखीमठ), जिला रुद्रप्रयाग सम्मिलित थे। इस अवसर पर विधायक राजेश शुक्ला, राजकुमार ठुकराल, जिलाधिकारी डॉ. नीरज खैरवाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. सदानन्द दाते, निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. वाईपीएस डबास आदि मौजूद रहे।
    सीएम ने प्रचार वाहन किए रवाना
    मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को पंतनगर में कृषक महोत्सव रबी-2017 का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है। कृषक महोत्सव रबी-2017 के माध्यम से किसानों को नई तकनीक आदि की जानकारी दी जाएगी, साथ ही किसानों के सुझाव भी प्राप्त किए जाएंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनपद के न्याय पंचायतो में जाने वाले तीन प्रचार रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह प्रचार रथ छह से 15 अक्टूबर, 2017 तक जनपद की 27 न्याय पंचायतों में जाकर कृषकों की समस्याओं का निराकरण करेगें व उर्वरक, बीज, जैव रसायन, कृषि रक्षा रसायन तथा उद्यान, पशुपालन, रेशम, मत्स्य विभाग से सम्बन्धित निवेश भी उपलब्ध करायेंगे।

    भवन का किया लोकार्पण
    मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को पंतनगर विश्वविद्यालय में इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) भवन का लोकार्पण किया। इस भवन में इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इण्डिया) के पंतनगर चैप्टर का कार्यालय रहेगा जो अभी प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में स्थित है। इस संस्था द्वारा चलायी जाने वाली एसोशिएट मेम्बर आॅफ इंस्टिट्यूशन आॅफ इंजीनियर्स (एएमआई) की उपाधी के लिए पाठ्यक्रम भी संचालित किये जायेंगे। इस उपाधि का ‘बी’ सर्टिफिकेट बी.टेक की उपाधि के बराबर होता है, जो सेवारत तकनीकी कर्मियों की शैक्षणिक योग्यता में वृद्धि के लिए सहायक होता है।