केन्द्रीय मंत्री के बयान पर भड़का संत समाज

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(हरिद्वार)। भारत साधु समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व जयराम आश्रम के पीठाधीश्वर ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए केन्द्रीय मंत्री डाॅ. सत्यपाल सिंह के बयान की कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए कहा कि मंत्री ने मूर्खतापूर्ण बयान दिया है। उन्हें सनातन परम्पराओं का ज्ञान नहीं है।
गंगा में अस्थि प्रवाह आदि अनादिकाल से होती चली आ रही है। ऐेसे में उनके द्वारा अस्थि प्रवाह नहीं किया जाने जैसा बयान खेदजनक है। कहा कि गंगोत्री से लेकर गंगासागर तक गंगा को प्रदूषण मुक्ति की योजनायें केन्द्र सरकार द्वारा धरातल पर नहीं की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि संत समाज उनके द्वारा दिये गये बयान से काफी आहत है।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री डाॅ. सत्यपाल सिंह की शिकायत राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री से की जायेगी। ऐसे मंत्रियों को पदों पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। गंगा से लाखों करोड़ों लोगों की भावनायें जुड़ी हुई है। उनका बयान तर्कसंगत नहीं है। लाखों लोगों के रोजगार उनके बयान से प्रभावित होगें। गंगा हमारी धार्मिक आस्था की पहचान है।
पूर्व चैयरमेन सतपाल ब्रह्मचारी ने मंत्री के कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए कहा कि अंधविश्वास जैसे बयान देकर लाखों हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है। अस्थि प्रवाह से गंगा का जल निर्मल स्वच्छ होता है। केन्द्र सरकार को प्लास्टिक की सामग्री पर प्रतिबन्ध लगाना चाहिये लेकिन केन्द्रीय मंत्री धार्मिक भावनाओं को अपने बयानों से आहत कर रहे हैं जो कि किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। विवेकहीन बयान से लाखों करोड़ो हिन्दुओ की आस्था पर कुठाराघात किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत भूसमाधि के लिए 50 एकड़ भूमि संत समाज को आबंटित करना चाहिये। जिससे भू समाधि का प्रबन्ध हो सके। राज्य की सरकार लगातार गंगा को लेकर तर्क संगत कार्य नहीं कर रही हैं ऐसे मंत्री पद के अयोग्य हैं। संत समाज उन पर खुलकर विरोध करेगा। भारत साधु समाज एवं संत समाज एक साथ इस बयान की खुलकर निन्दा करता है। प्रेस वार्ता में महंत देवानंद सरस्वती, महंत रविन्द्र पुरी, महंत अर्जुनपुरी महाराज, स्वामी हरिचेतनानंद महाराज, महंत कृष्णा गिरि, स्वामी कामेश्वर पुरी, आदि उपस्थित रहे।