(देहरादून) बिजली कार्मिकों के आंदोलन का असर आपूर्ति पर पड़ने लगा है। शुक्रवार और शनिवार को उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। दरअसल, आंदोलन के तहत बिजली कार्मिक शाम पांच से सुबह दस बजे तक विभागीय मोबाइल नंबर को बंद रखते हैं। शुक्रवार शाम को मोहनपुर में ट्रक ने एक बिजली पोल में टक्कर मार दी। इससे क्षेत्र में बिजली गुल हो गई। लोगों ने जब इसकी सूचना देने के लिए एसडीओ और जेई को फोन किया तो स्विच ऑफ था। इसके बाद बिजली घर के लैंडलाइन पर फोन किया तो किसी ने रिसीव नहीं किया। फिर, बिजली जाकर शिकायत दर्ज कराई और करीब दो घंटे बाद आपूर्ति बहाल हुई।
शनिवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे मोहनपुर मुख्य मार्ग पर 11 केवी लाइन टूट गई। इस वक्त भी कार्मिकों के मोबाइल बंद थे। स्थानीय निवासी बीरू बिष्ट ने बताया कि बिजली जाकर सूचना दी, तब जाकर मरम्मत कार्य शुरू हुआ। कहा कि ट्रांसफार्मर और लाइनें ओवरलोड हैं, जिस कारण अक्सर बिजली आपूर्ति बाधित होती है। वहीं, शुक्रवार को एमडीडीए कॉलोनी आइएसबीटी में भी फाल्ट आने से कुछ घरों की बिजली गुल रही। बिजली का घर फोन उठा नहीं और एडीओ-जेई के मोबाइल बंद थे। शनिवार सुबह दस बजे के बाद लोगों की शिकायत दर्ज हो सकी। इसके बाद कर्मचारी मौके पर पहुंचे और फाल्ट ठीक किया। उधर, ऊर्जा निगम के मुख्य अभियंता एवं प्रवक्ता एके सिंह का कहना है कि उपभोक्ताओं से अपील है कि वह टोल फ्री नंबर 18004190405 पर शिकायत दर्ज कराएं।
आंदोलन को समर्थन
पदोन्नत वेतनमान (एसीपी) और पे-मैट्रिक्स के मुद्दे पर आंदोलनरत बिजली कार्मिकों को ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स और एचपीएसईबीएल डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन का समर्थन मिला है। फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एसएम सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित कर मांग की है कि कार्मिकों की जायज मांगों पर कार्यवाही की जाए। अगर जरूरत पड़ी तो फेडरेशन आंदोलन में प्रतिभाग करने को बाध्य होगा। वहीं, आंदोलन के लिए बने चार संगठनों के संयुक्त मोर्चे के कुमाऊं मंडल मीडिया प्रभारी डीसी गुरुरानी ने कहा कि तीनों ऊर्जा निगमों में करीब आठ हजार कार्मिकों की कमी है। एक कार्मिक दो-दो कार्मिकों का काम कर रहा है। इसके बावजूद कार्मिकों की नहीं सुनी जा रही है। कार्मिक कुछ नया या अतिरिक्त नहीं मांग रहे, जो उन्हें पहले से मिल रहा था, उसे ही मांग रहे हैं।