किच्छा सीट पर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा करने वाली शिल्पी रावत ने नामांकन वापसी के आखिरी दिन अपना नामांकन वापस ले लिया है।शिल्पी अरोड़ा ने कांग्रेस से खफा होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया था।लेकिन बुधवार को उन्होंने अपना इरादा बदल दिया और कांग3ेस को समर्थन करने का फैसला कर लिया है।
बुधवार देर शाम प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीडिया के सामने इस बात का किया ऐलान।गौरतलब है कि शिल्पी अरोड़ा ने टिकट बंटवारे पर कांग्रेस और सीएम रावत पर इल्जामों के पुल बांधे थे।यहां तक कि शिल्पी अरोड़ा ने सीएम रावत के नामांकन पर भी अापत्ति जताई थी जिसे चुनाव आयोग ने खारिज़ कर दिया था।इतना कुछ करने के बाद भी जब शिल्पी को कोई रास्ता नहीं सुझा तो आखिरी में उन्होंने कांग्रेस का हाथ एक बार और थाम लिया।
बुधवार को शिल्पी के नाम वापस लेने से एक बात तो साफ है कि शायद सीएम रावत का मुकाबला करने से डर गई थी। शिल्पी।नामांकन के आखिरी दिन देहरादून कैंट से राजेंद्र धवन ने तो किच्छा से शिल्पी ने नाम लिया वापस इससे एक बात साफ है कि डैमेज कंट्रोल करने में भाजपा से ज्यादा सफल रही कांग्रेस पार्टी।विधानसभा चुनाव की दो हाट सीटों में से किच्छा एक नाम है, जिसपर सीएम रावत के चुनाव लड़ने से लेकर शिल्पी के निर्दलीय चुनाव लड़ने पर गर्माहट थी लेकिन आखिरी मौके पर शिल्पी का नाम वापस लेना शायद इस बात का सूचक है कि हरदा के सामने सब है बेपर्दा।किच्छा सीट से शिल्पी का नाम वापस जाने से और उनका कांग्रेस को समर्थन देनाा सीएम रावत के लिए कितना काम आएगा यह तो वक्त ही बताएगा।