एसआईटी हासिल कर चुकी है गैरजमानती वारंट 

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रुद्रपुर, तकरीबन तीन सौ करोड़ रुपये के एनएच 74 मुआवजा घोटाले में एसआईटी अब पूर्व में गिरफ्तार निलंबित पीसीएस अफसर डीपी सिंह व भगत सिंह फोनिया के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए शासन से अनुमति मांगी जा चुकी है। उधर, निलंबित पीसीएस अफसर एनएस नगन्याल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद अब एसआईटी उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत है। एनएच घोटाले में अभी चकबंदी विभाग के अफसरों की भी गिरफ्तारी होनी है, क्योंकि उन्होंने चकबंदी प्रक्रिया के अधीन आने वाले गांवों में जमीनों की प्रकृति को बदला है। यह बात तो एसआईटी की जांच से स्पष्ट भी हो चुकी है।

एसआईटी के सूत्रों ने बताया कि निलंबित पीसीएस अफसरों के खिलाफ एसआईटी आरोपपत्र दाखिल करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए शासन से अनुमति मिलने का इंतजार है। एसआईटी निलंबित पीसीएस अधिकारी नगन्याल की भी तलाश कर रही है। उनके भूमिगत होने पर एसआईटी ने न्यायालय से गैरजमानती वारंट हासिल कर लिया है। गैर जमानती वारंट जारी होने के साथ ही एनएस नगन्याल की गिरफ्तारी होना तय हो गई है। एसआईटी अभी चकबंदी विभाग के अधिकारियों पर कानून का शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। यहां बता दें कि बाजपुर क्षेत्र के कई गांवों में चकबंदी प्रक्रिया चल रही है।

चकबंदी प्रक्रिया वाले इन गांवों में जमीनों का भू उपयोग 143 के जरिए बदलने का अधिकार एसडीएम को नहीं होता, मगर एसडीएम ने इन गांवों में भी 143 कर दी थी। चकबंदी विभाग के अधिकारियों ने अभिलेखों में जमीनों को अकृषि दर्ज कर दिया था। जिसके कारण किसानों ने कई गुना अधिक मुआवजा वसूल लिया। एसआईटी की विवेचना में चकबंदी विभाग के अधिकारी भी मुल्जिम बन रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी होना भी तय माना जा रहा है। एसआईटी ने अभी तक काशीपुर, जसपुर व बाजपुर की जांच पूरी की है। सितारगंज तहसील क्षेत्र की जांच चल रही है। अभी गदरपुर, रुद्रपुर व किच्छा की जांच होनी बाकी है।