गोपेश्वर, चमोली के सीमांत क्षेत्र जोशीमठ के सेब काश्तकारों को इस बार दिसम्बर माह के शुरुआत में हुई, बर्फबारी के बाद अब अच्छी सेब की पैदावर होने की उम्मीदें जगने लगी हैं। जिसके चलते काश्तकारों ने बागानों में सेब के पेड़ों की सालाना छंटाई और पेस्टिंग का काम शुरू कर दिया है।
जोशीमठ क्षेत्र के सुनील, औली, फरकिया ग्वाड़, परसारी, प्रेमनगर, मेरग, बडागांव, ढाक, झेलम, मलारी, कैलाशपुर, नीति, सहित उर्गम घाटी के सैकड़ों परिवारों की आजीविका का एकमात्र साधन सेब बागान है। कुछ वर्षों से समय पर बरसात व बर्फबारी नहीं होने से काश्तकारों की सेब बागवान से लागत भी नहीं निकल पा रही थी। जिसको लेकर काश्तकारों में काफी मायूसी थी लेकिन दिसम्बर माह में हुई बर्फवारी से काश्तकारों के चेहरों पर रौनक लौटी है। समय पर बर्फबारी से काश्तकार अपने बागानों में जी-तोड़ मेहनत पर जुट गए हैं।
सेब के काश्तकार दिलबर सिंह राणा, संजय सिंह, महेंद्र लाल, मोहन बजवाल आदि का कहना है कि इस बार समय से हुई बर्फबारी से सेब की फसल अच्छी होने की उम्मीद है। इसीलिए उन्होंने अभी से सेब की बागवानी में मेहनत करनी शुरू कर दी है।