हर्षील की हसीन वादियों में स्थित मुकबा अपने आप में एक अद्भुत गांव है जो की भागीरथी के तट पर स्थित है।यां पर विराजमान सोमेश्वर देवता के आंगन में हर साल सेलकू मेला आयोजित किया जाता है।
इस साल इस मेले के उपलक्ष्य में यहां के लाल, रजनीकांत सेमवाल ने एक सुंदर ‘काफुवां’ संजोया है जिसमें बड़ी खुबसूरती से सोमेश्वर देवता की कुल्लू से टंकोर की यात्रा का विवरण किया गया है।
सोमेश्वर देवता एक चरवाहा थे जो अपनी भेड़-बकरियों के साथ हिमालय की दूर-दराज क्षेत्र में घूमा करते थे। इसी श्रृंखला में वह गंगोत्री पहुंचे और यहां गंगा में स्नान करने के बाद मुकबा में बस गए। मान्यता यह है कि अगर आप सच्चे मन से सोमेश्वर देवता से कुछ मांगते हैं तो आपकी हर इच्छा पूरी होती है।
सोमेश्वर देवता की जीवन गाथा इस 16 मिनट के गाने में बयान की गई है।न्यूजपोस्ट टीम से बातचीत में रजनीकांत सेमवाल ने बताया कि, “यह पूरा गीत लगभग 15-16 मिनट लंबा है, मुझे एक साल से उपर लगा कफुवा को तैयार करने में, कुछ मेरे पिताजी के कलेक्शन से और कुछ गांव के बड़े बुर्जुगों से बात करके मैने इसे संजोया।”
उसके बाद रजनीकांत की कोर टीम के 6 सदस्य और मुकबा के स्थानीय लोगों ने मिलकर इस गाने में रंग भरे हैं जोकि एक विडियो के रुप में तैयार होकर जल्द ही यूट्यूब पर भी रिलीज होने जो रहा है।