प्रदेश के 1870 स्कूल एकीकरण के लिए चिह्नित

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स्कूलों की दुर्दशा सुधारने के लिए प्रदेश सरकार ने स्कूलों के एकीकरण का फैसला किया है। इसी के तहत प्रदेशभर में 1870 स्कूलों व राजधानी के 104 स्कूल एकीकरण के लिए चिह्नित किए गए हैं। एकीकरण के दायरे में आने वाले स्कूलों की सूची शिक्षा विभाग ने शिक्षा मंत्री को सौंप दी है। अब शिक्षा मंत्री के निर्देशों के बाद आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी।

प्रदेश में खस्ताहाल स्कूलों की बेहतर बनाने और स्कूलों की संख्या को कम करने के लिए शिक्षा मंत्री ने ऐसे स्कूलों का एकीकरण करने के निर्देश दिए हैं, जिनमें छात्रों की संख्या कम है। ऐसे प्राथमिक, माध्यमिक, उच्चतर स्कूलों को एक से 12 तक की क्लास एक ही परिसर में लाने को लेकर शिक्षा विभाग प्लान तैयार कर रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने ऐसे प्राथमिक, माध्यमिक, उच्चतर स्कूलों को चिह्नित कर लिस्ट विभाग को सौंप दी थी, जो अब शिक्षा मंत्री के पास स्वीकृति के लिए भेजी जा चुका है। विभाग को अब शिक्षा मंत्री के निर्देशों का इंतजार है।
राजधानी की बात करें तो यहां 2048 शासकीय स्कूल हैं। जिनमें से ऐसे स्कूलों को चिह्नित किया गया जिनमें छात्रों की संख्या कम है। साथ ही इन स्कूलों को कक्षा एक से 12 तक के सभी बच्चों को एक ही परिसर में लाने की योजना पर काम होना है। हालांकि अभी सिर्फ स्कूलों के चिह्नीकरण का काम ही पूरा हो पाया है। इसके बाद किस आधार पर स्कूलों को एकीकृत किया जाएगा। इसे लेकर रूपरेखा तैयार की जाएगी। विभाग के पास अभी इसके लिए कोई रणनीति तैयार नहीं है। जिस कारण एकीकरण को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है।

प्रदेशभर के स्कूलों की बात करें तो यहां करीब 20 हजार स्कूलों में से 1870 स्कूलों को एकीकरण के लिए चिह्नित किया गया है। विभाग की ओर से देहरादून के साथ सभी जिलों की लिस्ट सौंपी जा चुकी है। पहाड़ में कई ऐसे स्कूल जहां पर कक्षा 1 से 12 तक के बच्चों को एक ही परिसर में लाने से फायदा होगा। इधर शिक्षा विभाग का दावा है कि स्कूलों के एकीकरण से न सिर्फ स्कूलों की दशा सुधरेगी, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता में भी काफी फायदा होगा। स्कूलों में शिक्षकों की कमी भी नहीं होगी। मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून एसबी जोशी ने बताया कि विभाग ने स्कूलों को चिह्नित कर लिस्ट विभाग को सौंप दी है। जो एकीकरण के दायरे में आ रहे हैं। अभी विभाग की ओर से आगे के निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है। निर्देशों के बाद ही आगे की योजना पर कार्य किया जाएगा।