पारिवारिक आय बढ़ाने को टाटा से करार

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की उपस्थिति में बुधवार को सचिवालय में टाटा ग्रुप और राज्य सरकार के मध्य एक ज्वाइंट डिक्लेरेशन साइन किया गया। राज्य सरकार की ओर से मुख्य सचिव एस रामास्वामी एवं टाटा ग्रुप की ओर से सीओओ वी रामास्वामी ने घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किये।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने टाटा ट्रस्ट को धन्यवाद देते हुए कहा कि राज्य सरकार उत्तराखण्ड विकास के लिए हर पहल का स्वागत करती है। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि राज्य में क्लस्टर चिन्हित कर के नियोजित तरीके से योजनाओं को लागू किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा विशेष रूप से कृषि, औद्यानिकी, कुटीर उद्योग, डेरी, पशुपालन में क्षेत्र विशेष की भौगोलिक परिस्थितियों और वहां की जलवायु के अनुसार योजना बनाई जाय। मुख्यमंत्री ने कौशल विकास के क्षेत्र में टाटा ट्रस्ट के द्वारा निर्धारित लक्ष्य को और बढ़ाने की जरूरत भी बताई। उन्होंने कहा कि कैन्सर अस्पताल के लिए भूमि का प्रबंध भी शीघ्र कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने टाटा ट्रस्ट द्वारा प्रस्तावित सभी कार्याें के लिये सुस्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करने की अपेक्षा व्यक्त की, जिससे एक समय सीमा के भीतर किये जा रहे कार्यांे का प्रभाव नजर आयें। मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने कहा कि ज्वाइंट डेक्लरेशन के बाद शीघ्र ही एक विस्तृत एमओयू भी साइन किया जाएगा।
घोषणापत्र के अनुसार टाटा द्वारा राज्य में संचालित राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ सहभागिता करते हुए प्रदेश के 05 जिलों में आगामी 05 वर्षों में 12,500 परिवारों की वार्षिक आय को एक लाख रुपए से अधिक किया जायेगा। टाटा द्वारा कौशल विकास के लिए अपनी महत्वाकांक्षी योजना ‘स्ट्राइव’ के अंतर्गत कुमाऊ में पिथौरागढ़ एवं गढ़वाल में चमोली जिले में कौशल विकास केंद्र स्थापित किया जायेगा। इन केन्द्रों में युवाओं को हॉस्पिटैलिटी, हेल्थ केयर, ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में रोजगार परक प्रशिक्षण प्रदान किये जाने के साथ ही 21वीं सदी के अनुसार शहरी क्षेत्रों के अनुरूप जीवन कौशल का भी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। जिससे युवाओं को स्थाई आजीविका प्राप्त करने में सहयोग प्राप्त हो सके। राज्य सरकार द्वारा दोनों केन्द्रों के लिये भवन चयनित कर लिया गया है।
घोषणा पत्र में कहा गया है कि टाटा ट्रस्ट द्वारा राज्य सरकार के सहयोग से पूर्ण विकसित कैंसर केयर केंद्र स्थापित किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र को डिजिटल विलेज में परिवर्तित करने का लक्ष्य भी रखा गया है। इसके अंतर्गत ग्रामीणों को नगदी डेबिट/क्रेडिट कार्ड आदि रखने की आवश्यकता नहीं होगी। सभी लेन-देन आधार से जुड़े बैंक खाते के माध्यम से किए जा सकेंगे। वर्तमान में टाटा द्वारा चमोली के कालेश्वर और देहरादून के थानों में डिजी कैश पर कार्य किया जा रहा है जहां ग्रामीणों को प्वाइंट आॅफ सेल पर भीम आधार ऐप हेतु प्रशिक्षण दिया जा रहा है। टाटा द्वारा ओपन इग्नाइट योजना के अंतर्गत प्रदेश में विज्ञान के छात्रों को सॉफ्टवेयर स्किल्स में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। जिससे इन छात्रों को सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा, पूर्व एफआरडीसी विभापुरी दास सहित शासन एवं टाटा ट्रस्ट के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।