उद्योग व पर्यटन से किया जा सकता है राज्य का विकास: महाराज

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    हरिद्वार। उत्तराखंड राज्य में उद्योगों और पयर्टन को साथ जोड़कर राज्य का विकास किया जा सकता है। उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने राज्य सरकार से इस विषय में एक नीति बनाने की मांग की, जिसमें उद्योग और पयर्टन विकास के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं।

    राज्य के पयर्टन मंत्री सतपाल महाराज ने उद्योग जगत की इन मांगों से सहमति जताते हुए कहा कि जल्द ही इन सुझावों पर विचार कर उद्योग और पयर्टन के विकास के लिए नई नीति तैयार की जाएगी। हरिद्वार के एक होटल में हरिद्वार के सिडकुल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन द्वारा राज्य में उद्योगों और कर्मियों के कौशल विकास पर एक सेमिनार आयोजित किया गया। सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल राज्य के पयर्टन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में उद्योगों को लालफीताशाही से मुक्त करने के लिए सरकार ने सिंगल विंडो सिस्टम को लागू कर दिया है।
    उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए स्विट्जरलैंड और अन्य देशों की तरह यहां भी रोपवे व्यवस्था को बड़े पैमाने पर लागू किये जाने की योजना बनाई जा रही है। पहले चरण में हरिद्वार से ऋषिकेश और देहरादून से मसूरी को रोपवे से जोड़ा जाएगा। इससे सड़क मार्ग पर यातायात का दबाव कम हो सकेगा। सरकार टिहरी झील को विश्व स्तरीय पयर्टन केंद्र की योजना पर गंभीरता से काम कर रही है।
    उन्होंने कहा कि राज्य में साहसिक पयर्टन को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही कुमाऊँ के पंचेश्वर बांध से निर्मित होने वाली लगभग 80 किलोमीटर लंबी झील को भी विश्वस्तरीय पयर्टन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। उत्तराखंड में लोक परम्पराओं पर आधारित चमत्कारिक पर्वों और प्रतीक चिन्हों को भी पयर्टन की दृष्टि से विश्व पटल पर अंकित किया जाएगा। उद्योगपतियों को आश्वस्त किया कि उद्योगों के विकास के लिए सरकार हर संभव मदद उन्हें प्रदान करेगी और औद्योगिक विकास को रफ्तार देने के लिए राज्य में सड़क मार्ग को ओर सुदृढ बनाया जाएगा।
    पयर्टन मंत्री ने कहा कि हरिद्वार को तीर्थाटन के रूप में और अधिक विकसित करने के लिए इस तीर्थ स्थली का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। हरिद्वार में सं 2021 में लगाने वाले महाकुम्भ की तैयारियां अभी से की जा रही हैं। प्रधानमंत्री ने जीएसटी का सरलीकरण कर उद्योगों को बड़ी राहत दी, जिसका फायदा उत्तराखंड के उद्योगों को मिलेगा। सिडकुल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हरेंद्र गर्ग ने कार्यक्रम में राज्य में औद्योगिक विकास का वातावरण कैसे बढ़े, इसको लेकर एक प्रेजेंटेशन भी दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में उद्योगों ओर पयर्टन को साथ मे जोड़कर योजना बनाई जाए, जिससे पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन की समस्या से निजात मिल सकेगी और राज्य के विकास में काफी मदद मिलेगी।
    उन्होंने कहा कि राज्य में नहरों के किनारे की अनुपयुक्त जमीनों को पीपीपी मोड के माध्यम से अथवा शार्ट टर्म लीज के आधार पर उद्योगों को दी जाए। वंहा पर हर्बल पौधों की खेती की जा सके और जहां जमीन ज्यादा है, वंहा सोलर पॉवर प्लांट लगाए जा सकें। इससे राज्य और सिंचाई विभाग को राजस्व भी प्राप्त होगा। साथ ही हरिद्वार सहित राज्य के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में वायु संपर्क मार्गों को भी विकसित किया जाए। इन मांगों से पयर्टन मंत्री सतपाल महाराज ने सहमति व्यक्त की है।
    कार्यक्रम में हरिद्वार के जिलाधिकारी दीपक रावत ने भी सिडकुल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन की पहल की सराहना करते हुए कहा कि उद्योग और शासन मिलकर राज्य के विकास को मजबूती प्रदान कि जा सकती है। वहीं एनईटीएपी द्वारा भी कौशल विकास का प्रेजेंटेशन दिया गया। कार्यक्रम में शामिल उत्तराखंड सरकार के अपर आयुक्त और सचिव पीयूष कुमार ने उद्योपतियों के जीएसटी और अन्य विषयों पर उनकी शंकाओं का समाधान भी किया। कार्यक्रम को ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर, रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा, मंगलोर विधायक काजी निजामुद्दीन, भाजपा नेता राजीव शर्मा ने भी संबोधित किया। संचालन सिडकुल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के महासचिव राज मल्होत्रा ने किया।