टिहरी में खुलेगा राज्य का पहला ”आपदा काॅल सेंटर”

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आपदा के दौरान अब प्रशासन एक कॉल पर प्रभावित क्षेत्र में मदद भेज सकेगा। इसके लिए प्रदेश में टिहरी जिले में पहली बार अत्याधुनिक कॉल सेंटर का निर्माण किया जा रहा है। इस केंद्र में सभी गांवों की भागोलिक जानकारी के साथ ही संबंधित ब्लाक में अधिकारी-कर्मचारियों की संख्या, ग्राम प्रधान के फोन नंबर के अलावा गांव के प्रमुख लोगों के मोबाइल नंबर का डाटा रखा जाएगा।

यूं तो सभी जिलों में आपदा कंट्रोल रूम सक्रिय हैं, लेकिन इनके लिए सबसे बड़ी समस्या भोगोलिक जटिलता के बीच सही स्थान का पता लगाना है। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील टिहरी जिले में वर्तमान में 58 गांवों को आपदा प्रभावित घोषित किया गया है। इनमें सर्वाधिक 32 गांव घनसाली क्षेत्र में हैं, जबकि प्रतापनगर और धनोल्टी में छह-छह, नरेंद्रनगर में पांच, देवप्रयाग में चार, कंडीसौड़ में तीन, नैनबाग और टिहरी में एक-एक गांव शामिल है। 45 क्षेत्र भूस्खलन संभावित और 48 बाढ़ संभावित हैं।

टिहरी की जिलाधिकारी सोनिका ने बताया कि आपदा कंट्रोल रुम में ही कॉल सेंटर बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिले के सभी 1862 गांवों की आबादी से लेकर एसडीएम, तहसील कर्मचारी, व्यापारी, स्कूल, प्रधान और ग्राम प्रहरी का डाटा और फोन नंबर कॉल सेंटर में उपलब्ध रहेगा।

कॉल सेंटर में प्रत्येक गांव की भौगोलिक स्थिति भी दर्ज की जाएगी। किसी भी हादसे के दौरान कॉल सेंटर में उस गांव का पूरा डाटा निकाला जाएगा। इससे आपदा के वक्त तत्काल राहत भेजने में मदद मिलेगी। इस दौरान व्यापारियों और निकटतम स्कूल के शिक्षकों का सहयोग लिया जा सकेगा।

इतना ही नहीं  सड़क क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में भी वैकल्पिक रास्तों से मदद भेजी जाएगी। डीएम के अनुसार इन दिनों कॉल सेंटर के लिए साफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। संभवत अगले सप्ताह तक कॉल सेंटर काम करना शुरू कर देगा।