स्थायी राजधानी समेत तीन सूत्रीय मांग को लेकर अनशन

0
567

गैरसैंण,  उत्तराखण्ड की स्थायी राजधानी सहित मद्य निषेध विभाग की पुर्नस्थापना और रोजगार के मौलिक अधिकार की तीन सूत्रीय मांगों को लेकर चन्द्रनगर गैरसैंण में आंदोलनकारियों का अनिश्चितकालीन अनशन दूसरे दिन भी जारी रहा।

कड़ाके की ठण्ड के बावजूद अनशनकारी रामलीला मैदान में डटे हुए हैं। स्थानीय महिलाओं द्वारा अनशनकारियों को अलाव सेंकने के लिए लकड़ी और अंगीठी उपलब्ध कराई गई, जबकि स्थानीय प्रशासन ने अनशनकारियों के स्वास्थ की जांच कर इतिश्री कर ली लेकिन अभी तक शासन-प्रशासन का कोई भी अधिकारी अनशन स्थल पर नही पहुंचा, जिसके परिणामस्वरुप अनशनकारियों में भारी रोष है। अनशनकारियों ने प्रशासन और राज्य सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए चेताया कि यदि राज्य की सरकार गैरसैंण को शीघ्र ही स्थायी राजधानी घोषित नहीं करती और हमारी मांगे पूरी नहीं करती है, तो राज्य सरकार को उत्तराखण्ड और जनविरोधी मानते हुए 11 दिसम्बर को अनशनकारी जनता के साथ भराड़ीसैंण कूच करते हुए विधानसभा का ताला तोड़कर जनता की सरकार बनाएंगे। जिसके लिए राज्य सरकार पूर्ण रूप से जिम्मदार होगी और समस्त हानि-लाभ की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी क्योंकि राज्य स्थापना के 17 सालों बाद भी स्थायी राजधानी के नाम पर उत्तराखण्ड की जनता से छलावा किया जा रहा है।

अनशनकारियों का कहना है कि जिस राज्य की परिकल्पना को लेकर उत्तराखण्ड के शहीदों ने अपने प्राण न्यौछावर किए वह आज भी कोसों दूर है। सुविधाओं के आभाव में गांव ख़ाली हो रहे हैं और राज्य सरकार मात्र पलायन आयोग बनाकर पलायन रोकने की बात कर रही है जो सर्वथा हास्यपूर्ण है। अनशनकारी विनोद जुगलान ने बताया कि उन्होंने अनशन पर बैठने की सूचना स्वयं जिलाधिकारी चमोली को फोन पर दी है। जबकि आन्दोलन और अनशन की लिखित सूचना शासन को पूर्व में दी गई है लेकिन अभी तक किसी भी अधिकारी ने अनशनकारियों की सुध नहीं ली।

प्रवीण सिंह का कहना है कि एक ओर स्वच्छ भारत का सपना देखा जा रहा है। दूसरी ओर अनशन स्थल के समीप शौचालय में पानी की व्यवस्था न होने के कारण दुर्गन्ध आ रही है। अनशनकारियों के लिए शौचालय की कोई व्यवस्था न होना प्रशासन की संवेदनहीनता को दर्शाता है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। आमरण अनशन में प्रवीण सिंह, राम कृष्ण तिवारी, विनोद जुगलान, महेश चन्द पाण्डेय शामिल हैं। अनशन स्थल में समर्थन देने के लिए सामाजिक आन्दोलनकारी आदेश चौधरी, अरविन्द हटवाल, सत्यपाल सिंह नेगी, देवेंद्र बिष्ट, कुलदीप नेगी, लक्ष्मण खत्री, कुंवर सिंह पंवार, वयोबृद्ध आन्दोलनकारी धूमा देवी आदि उपस्थित रहे।