इंसानियत: बेज़ुबान जानवरों को दिल के करीब रखती हैं सुषमा जखमोला

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“पशु कोई चीज़ नहीं हैं बल्कि जीव हैं, जो हमारी करुणा, सम्मान, दोस्ती और समर्थन के हकदार हैं” इसी कहावत को सच करती हैं कोटद्वार की सुषमा जखमोला। पौड़ी जिले के कोटद्वार शहर की सुषमा जानवरों के लिए उतना ही मोह रखती है जितना एक मां अपने बच्चे के लिए।

aakriti seva samiti

कोटद्वार में चलने वाला आकृति सेवा समिति इस समय अपनी छाया में बहुत से बेज़ुबान पशु पक्षियों को आसरा दिये हुए है।आकृति सेवा समिति दुर्घटना में घायल हुए जानवरों वह चाहे कोई भी हो गाय, भैंस, कुत्ता, बिल्ली या कोई पक्षी सबकी देखरेख और उनकी बेहतरी का बेड़ा उठाता है। आज जब लोग अपने घरो में महंगे कुत्ते और दूसरे जानवर पालते हैं ऐसे में सड़क के किनारे ठोकर खाने वाले कुत्तों के लिए एक वरदान है सुषमा जखमोला जो आकृति सेवा समिति को चला रही हैं। इस काम में उनका साथ देने के लिए और लोग भी उनके संगठन से जुड़े हुए हैं।

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न्यूजपोस्ट से बातचीत में सुषमा जखमोला ने बताया कि साल 2002 से उनका संगठन रजिर्स्टड हैं और वह बेजुबान जानवरों की सेवा कर रहा है। उन्होंने बताया कि हमारे लिए कोई भी जानवर गैर नही है और हम किसी भी दुर्घटनाग्रस्त जानवर को बचाते हैं और उनकी सेवा करते हैं। सुषमा ने बताया कि इस वक्त हमारे पास 46 स्ट्रीट डॉग और 56 गाय हैं और इसमें से ज्यादातर जानवर रेस्क्यू किए हुए हैं। यह सारे कुत्ते मेरे घर में मेरे साथ रहते हैं ।साथ ही कुछ गायें भी घर में रहती हैं लेकिन इनकी संख्या ज्यादा होने की वजह से इनके लिए आकृति सेवा समिति के कैंपस में रहने का इंतजाम किया गया है। उन्होंने बताया कि कोटद्वार में हमारी गौशाल है जिसमा सारी गायें एक साथ रहती है।

अब तक अपने निस्वार्थ सेवा के लिए सुषमा को तीलू रौतेली, उत्तराखंड दून श्री, डॉ शिवानंद नौटियाल अवॉर्ड, हिमालयन हिन्दुस्तान अवार्ड, हम है आज़ाद मिशन अवॉर्ड, प्राइड ऑफ कोटद्वार और भी बहुत सारे सम्मान मिले हैं। सुषमा को अपनी निस्वार्थ सेवाओं के लिए सरकार से बहुत सारे सम्मान भी मिल चुके हैं लेकिन वह कहती हैं कि ये काम वो किसी सम्मान और लालसा के लिए नहीं करती बल्कि जानवरों की सेवा करना उन्हें दिल से पसंद हैं।

सुषमा लोगों में एक संदेश देना चाहती हैं कि ”गाड़ी चलाते समय ध्यान रखें और अपने आस-पास छोटे बड़े जानवरों को बचाते हुए गाड़ी चलाए क्योंकि वह तो बेजुबान हैं अपना दर्द नहीं कह सकते ना शिकायत कर सकतें लेकिन हम तो जानते हैं कि दर्द क्या होता है।”

न्यूज़पोस्ट सुषमा जखमोला की इस निस्वार्थ सेवा को सलाम करता है और आशा करता है कि लोग भी अपने आसपास बेज़ुबान जानवरों की सुरक्षा करें।