प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर करने की दिशा में राज्य सरकार ने टाटा समूह के साथ करार किया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में कैंसर यूनिट की स्थापना की जा रही है, इसका संचालन टाटा ग्रूप द्वारा किया जाएगा। टाटा ग्रुप के शीर्ष अधिकारियों से इस संबंध में चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया है। टाटा ग्रुप ने दून मेडिकल कॉलेज में कैंसर यूनिट के संचालन को सहमति प्रदान कर दी है।
गौरतलब है कि राज्य में और खासतौर पर पहाड़ी इलाकों में स्वास्थ सेवाऐं खासी चरमराई हुई हैं। अाये दिन इलाज के आभाव में मरीजों की मौत की खबरें आती रहती हैं। सरकारी अस्पतालों और डिस्पेंसरियों में भी डाॅक्टर नदारद रहते हैं। पहाड़ों पर डाॅक्टरों को चढ़ाना सरकार के लिये टेढ़ी खीर बना हुआ है। इस सब से निपटने के लिये अब रावत सरकार अन्य समाधानों की तलाश कर रही है। इनमें प्राइवेट कंपनियों से मदद लेने से लेकर फौज से रिटायर हुए डाॅक्टरों को सरकारी असिपतालों में नियुक्त करना शामिल है।
बहरहाल सरकार की इस तरह की पहल काबिले तारीफ है। लेकिन इससे ये सवाल भी सामने आता है कि सरकारी नौकरी कर रहे डाॅक्टरों के आगे क्या सरकार और उसके तंत्र ने घुटने टेक दिये हैं?