टीएचडीसी ने ऋषिकेश के प्रमुख घाटो पर लगाया वार्निंग सिस्टम

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एशिया के बड़े बांधों में शुमार टिहरी की भागीरथी नदी पर बना टिहरी डैम हमेशा से ही सुर्खियों में बना रहता है। सबसे ज्यादा समस्या मैदानी इलाकों में टिहरी डैम से छोड़े गए पानी को लेकर बनी रहती है। ऋषिकेश में कई बार टिहरी डैम के पानी के चलते स्नान घाटों पर जल स्तर में वृद्धि होने के चलते लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ता था।

कई बार पुलिस ने रेस्क्यू कर के पानी में फंसे लोगों को बाहर निकाला। अब जाकर टीएचडीसी प्रशासन ने ऋषिकेश के प्रमुख घाट त्रिवेणी घाट पर राम झूला और लक्ष्मण झूला के घाटों पर टिहरी डाम से छोड़े गए पानी के लिए सैटेलाइट से कनेक्टेड वार्निंग सिस्टम को लगाया है।

तटीय इलाकों पर रहने वाले लोगों को टिहरी डैम से छोड़े गए पानी की सूचना सायरन के द्वारा समय पर ही दे देगा, जिससे आने वाले समय में बाहर से आने वाले तीर्थ यात्री को जल स्तर के बढ़ने और घटने की जानकारी स्थानीय प्रशासन के द्वारा दे दी जाएगी। सायरन बजते ही लोग सचित होकर गंगा के गहरे पानी से दूर हो जाएंगे जिससे किसी भी अनहोनी को टाला जा सकता है