कार्तिक पूर्णिमा : गंगा तट पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

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हरिद्वार। कार्तिक मास की पूर्णिमा पर देश के कई प्रांतों से आए लाखों श्रद्धालुओं ने ब्रह्मकुण्ड हरकी पैड़ी समेत गंगा के विभिन्न घाटों पर डुबकी लगा पुण्य अर्जित किया। स्नान के लिए उमड़े श्रद्धालुओं के सैलाब से तीर्थनगरी की छटा अनुपम नजर आई। पुलिस ने यातायात व्यवस्था व श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किया है। मेला जोन को सुरक्षा के लिहाज से आठ जोन व 32 सेक्टरों में बांटकर जोन व सेक्टर प्रभारी नियुक्त है। एसएसपी कृष्ण कुमार वीके स्वंय व्यवस्थाओं को जायजा लेते दिखाई दिए। पुख्ता व्यवस्थाओं के बाद भी श्रद्धालुओं को जाम के झाम से जूझना पड़ा।

कार्तिक मास की पूर्णिमा पर शनिवार को देश के कई प्रांतों से आए लाखों श्रद्धालुओं ने ब्रह्मकुण्ड हरकी पैड़ी समेत गंगा के विभिन्न घाटों पर गंगा में डूबकी लगा पुण्य अर्जित किया। स्नान के लिए श्रद्धालुओं का तीर्थनगरी में आगमन एक दिन पहले से ही होने लगा था जिसे कारण हरिद्वार के सभी होटल, धर्मशाला पूरी तरह से यात्रियों से भरे हुए थे। स्नान का सिलसिला तड़के से आरम्भ हुआ। रेल व बस के अलावा आसपास के प्रांतों के लोग अपने वाहनों से भी बड़ी संख्या में स्नान के लिए हरिद्वर पहुंचे। श्रद्धालुओें की सुरक्षा में दो हजार पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है।
स्नान पर्व पर हालांकि पुलिस प्रशासन ने यातायात व्यवस्था दुरुस्त बनाए रखने के लिए खासे इंतजाम किए थे, किन्तु भीड़ के आगे पुलिस की सभी व्यवस्थाएं धराशायी दिखाई दी। राजमार्ग समेत सड़कों पर जाम के झाम से लोग परेशान रहे। जाम का आलम यह था कि सड़कों पर वाहन रेंगकर चलने के लिए मजबूर रहे। यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी। जाम के कारण स्थानीय लोगों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
कार्तिक पूर्णिमा स्नान के साथ एकादशी से आरम्भ हुआ पांच दिनों का कार्तिक स्नान पर्व भी सम्पन्न हो गया है। मान्यता है कि देवोत्थान एकादशी से कार्तिक पूर्णिमा तक पांच दिनों प्रातःकाल तारों की छांव में गंगा व पवित्र नदियों में स्नान करने से पूरे कार्तिक मास में गंगा स्नान करने का पुण्य मिलता है। इसी के साथ पांच दिनों तक चला पंचस्नानी पर्व सम्पन्न हो गया।
कार्तिक मास की पूर्णिमा के साथ देव दीपवाली भी सम्पन्न हो गई। देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु के जागृत होने के साथ देवताओं की दीपावली आरम्भ हो जाती है। पांच दिनों तक चलने वाली देव दीपावली का कार्तिक मास की पूर्णिमा को समापन होता है। इसी के चलते शनिवार को लोगों ने भगवान विष्णु के समक्ष दीपदान कर देव दीपावली का समापन किया।
स्नान पर्व के लिए दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं के कारण बसों व रेल में यात्रियों की भारी भीड़ रही। भीड़ का आलम यह था कि बसों में यात्रियों को बैठने तक का स्थान नहीं मिला। रेल में भी कुछ ऐसी ही स्थिति बनी रही। बस स्टैण्ड में आने से पूर्व ही बसों के भर जाने के कारण यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ी।