‘2022 तक सांस लेने लायक नहीं रह जाएगा देहरादून’

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    देहराद। देहरादून की फिजाओं में खतरनाक पीएम (पर्टिकुलेट मैटर) 2.5 और पीएम 10 की मात्रा लगातार बढ़ रही है। पिछले छह सालों में दून की हवाओं में प्रदूषण दो गुणा बढ़ गया है और यही स्थिति रही तो वर्ष 2022 तक देहरादून की हवाएं सांस लेने लायक भी नहीं रह जाएंगी। यह निष्कर्ष देहरादून में काम करने वाले थिंक टैंक गति फाउंडेशन ने लगातार 10 दिन तक शहर के 10 अलग-अगल स्थानों में एक खास मशीन के जरिये पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा के अध्ययन करने के बाद निकाला है। इस अध्ययन की जानकारी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में दी।

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    अनूप नौटियाल ने बताया कि उनके फाउंडेशन ने पीएम-2.5 और पीएम-10 का 99 प्रतिशत सही मेजरमेेंट बताने वाली एक खास मशीन के जरिये 1 से 10 फरवरी तक सुबह और शाम 10 जगहों पर प्रदूषण मापा। जिन जगहों में माप ली गई उनमें बल्लीवाला चैक, सहारनपुर चैक, दून हाॅस्पिटल, रिस्पना पुल, आईएसबीटी, रायपुर, करनपुर, दिलाराम चैक, घंटाघर और बिंदाल पुल शामिल हैं। इन सभी जगहों पर सुबह और शाम के समय प्रदूषण का स्तर मापा गया।

    पीएम-2.5 की स्थिति
    इस अध्ययन में पीएम-2.5 की कुल 45 रीडिंग ली गई। मात्र 6 रीडिंग यानी 10 प्रतिशत ही मानक या उससे कम यानी 60 से नीचे पाई गई। 85 प्रतिशत रीडिंग में पीएम 2.5 मानक से ज्यादा पाया गया। 22 रीडिंग में ये कण 60 से 120 के बीच, 8 में 120 से 180 के बीच, 6 में 180 से 240 के बीच, 1 में 240 से 300 के बीच और 2 रीडिंग में 300 से ज्यादा पाये गये।

    पीएम-10 की स्थिति
    पीएम-10 का मानक 100 है, यानी हवा में 100 से ज्यादा पीएम-10 का होना हानिकारक है, लेकिन दून में 44 रीडिंग में से मात्र 11 में ही पीएम-100 मानक या उससे कम पाया गया। 75 % रीडिंग में यह 100 से 200 के बीच, 9 में 200 से 300 के बीच, 5 में 300 से 400 के बीच और 2 रीडिंग में 400 से ज्यादा पाया गया। इसका अर्थ यह हुआ कि केवल 25 प्रतिशत रीडिंग में ही पीएम-10 मानक के भीतर पाया गया। 75 प्रतिशत मामलों में यह मानक से अधिक निकला।

    आईएसबीटी व सहारनपुर चैक के हालत बुरे
    नौटियाल ने बताया कि सहारनपुर चैक और आईएसबीटी की स्थिति सबसे खराब है। आईएसबीटी में पीएम-10 का स्तर 472 तक और पीएम-2.5 का स्तर 420 तक दर्ज किया गया। इसी तरह सहानपुर चैक पर पीएम-10 का स्तर 465 और पीएम 2.5 का स्तर अधिकतम 374 दर्ज किया गया।
    दून में पहली बार पीएम-2.5 का मेजरमेंट
    गति फाउंडेशन ने दावा किया कि देहरादून में पहली बार पीएम-2.5 को पहली बार मापा गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड केवल पीएम-10 का ही मेजरमेंट करता है।

    दून प्रदूषण में देश के पांच संवेदनशील शहरों में नंबर वन
    अनूप नौटियाल ने केन्द्रीय मंत्री डाॅ. हर्षबर्धन के एक बयान का हवाला देते हुए कहा कि देहरादून पर्यावरण की दृष्टि से देश में 5 सर्वाधिक संवेदनशील शहरों में शामिल है। इन शहरों में अलवर, आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा और देहरादून शामिल हैं। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि केन्द्र सरकार ने जिन 100 शहरों में प्रदूषण के खिलाफ अभियान चलाने का ऐलान किया है, उनमें देहरादून शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बारे में उनका फाउंडेशन केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री से मिलकर इस अभियान में देहरादून को शामिल करने की मांग करेगा।

    क्या हैं सुझाव
    गति फाउंडेशन की ओर से दून को प्रदूषण मुक्त करने की दिशा में सरकार से एयर क्वालिटी मैनेजमेंट प्लान बनाने, बढ़ते प्रदूषण के कारणों का जानने के लिए गहन अध्ययन करने, शहर में कम से 15 जगहों पर नियमित रूप से एयर क्वालिटी की माॅनीटरिंग करने और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने की मांग की है।