पर्यटन सीजन शुरू होते ही व्यवस्थाएं बेपटरी

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पर्यटन सीजन शुरू हो ही चूका है, लेकिन रोडवेज की व्यवस्थाएं अभी तक ठीक नहीं हुई हैं। इस भरी गर्मी से राहत के लिए मसूरी घूमने के लिए दून में पर्यटको की जनसंख्या बढ़ने लगी है। लेकिन इसके लिए परिवहन विभाग की ओर से की गई व्यवस्थाएं पर्याप्त नहीं हैं। मांग के बावजूद मसूरी  बस अड्डे पर बसों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं की जा रही है। ऐसे में परिवहन निगम को राजस्व में घाटा तो होगा ही साथ ही पर्यटकों को भी खासी परेशानी से गुजरना पड़ेगा।
पहाड़ो की रानी के नाम से जानने वाली मसूरी जाने के लिए हर साल अप्रैल से देवभूमि से सैलानियों की भीड़ शुरू हो जाती है। इनसे रोडवेज को भी काफी लाभ होता है। लेकिन इस बार हालात कुछ चिंताजनक लग रहे हैं। पर्वतीय डिपों में कुल 105 बसें हैं। इनमे से मसूरी बस अड्डे से रोजाना 18 बसे मसूरी के लिए अपना सफर तय करती हैं। ये बसें एक दिन में 88 ट्रिप रोज लगाती हैं। जबकि पिछले सीजन में बसो के कुल 110 ट्रिप रोज लगते थे। जरूरतों के मुताबिक मसूरी के लिए अभी कम से कम 20 और बसों की मांग की गई है। जिसमे बसों के ट्रिप बढ़ाए जाए और साथ ही  राजस्व मे भी इजाफा होने के साथ पर्यटक को भी परेशांनी से छुटकारा मिल सके।
परिवहन निगम के महाप्रबन्धक संचालन दीपक जैन ने बताया कि चालक-परिचालक की भर्ती प्रकिया चल रही है। इसके बाद स्थिति सुधर जाएगी। मसूरी जाने वाली बसों की संख्या को बढ़ाया जाएगा। गौरतलब यह है कि अभी निगम को 20 बसों की और ज़रूरत है जबकि 30-30 चालक और परिचालक की अभी और जरूरत है।
फिलहाल में पर्वतीय डिपों में कुल 83 चालक हैं, जिनमे 23 अक्षम है। ऐसे में केवल 60 चालक ही बचते हैं। वहीं आउटसोर्स में 61 और संविदा में 21 चालक हैं। 58 स्थायी परिचालक, 82 आउटसोर्स और एक संविदा पर रखे गए परिचालक हैं।