जाम का झाम: तीर्थ नगरी में प्रशासनिक फरमान हुआ बेमानी

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ऋषिकेश। प्रशासनिक फरमान तीर्थनगरी में लोगों के लिए शायद कोई मायने नहीं रखते हैं। कानूनी पाठ को तो धर्म नगरी में ठेंगा दिखाने वालों की लंबी फेहरिस्त है। फिर चाहे ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन कर शहर की सड़कों पर दौड़ रहे ऑटो वाहन व विक्रम वाहन हों या फिर फुटपाथ पर अतिक्रमण कर अपना रोजगार चला रहे ठेली खोमचे वाले।
अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त धार्मिक एवं पर्यटन नगरी ऋषिकेश में रसूख वाले लोग तो इन सब से भी दो कदम आगे बढ़ते हुए नजर आ रहे हैं। नो पार्किंग जोन में अपनी गाड़ियों को पार्क कर देना अब रोज की बात हो गई है। इसकी वजह से दिनभर तीर्थनगरी जाम से जूझती रहती है। कई मर्तबा हालत इतने बदतर हो जाते है कि राहगीरों के लिए निकलना मुश्किल हो जाता है। शहर में पुलिस प्रशासन सड़कों के किनारे वाहन पार्क करने वालों के खिलाफ लगातार चालान की कार्यवाही करता रहा है। इसके बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है। पिछले कुंभ के दौरान ऋषिकेश-हरिद्वार मार्ग पर फुटपाथ का निर्माण प्रशासन द्वारा कराया गया था लेकिन महत्वपूर्ण सड़क की कई बार की गई खुदाई व दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण की वजह से यह फुटपाथ आप पूरी तरह से गायब हो चुका है।
ऋषिकेश के इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर लोगों के लिए आवागमन भी मुश्किल हो गया है। इन सबके बीच जाम की समस्या से कराह रहे शहर के प्रमुख मार्ग पर यातायात व्यवस्था कब पटरी पर लौटेगी, यह कहना फिलहाल बेहद मुश्किल है।
उधर, पुलिस क्षेत्राधिकारी वीरेंद्र सिंह रावत का कहना है कि नगर में कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जा रहा है। जल्द ही व्यवस्था मे सुधार दिखाई देगा।