डिलीवरी के लिए अस्पताल में भर्ती पत्नी का बिल देख पति की मौत हो गई और नवजात की मौत की खबर सुनकर महिला की भी मौत हो गई, लेकिन कब्र में दफनाते समय मृतिक महिला जिंदा हो गई। नन्नू खां निवासी ज्वालापुर की पत्नी शाना की डिलीवरी होनी थी। नन्नू ने शाना को देहरादून के सीएमआइ स्थित अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डिलीवरी के दौरान नवजात की मौत हो गई और अस्पताल प्रशासन ने जो बिल थमाया उसे देख नन्नू खां को दिल का दौरा पड़ने से मोके पर मौत हो गई। महिला ने जब पति और नवजात की मौत की खबर सुनी तो वह भी बेहोश हो गई। डॉक्टरों ने उसे भी मृत घोषित कर दिया। तीनों की मौत से घर में मातम छा गया। परिजनों ने अस्पताल का एक लाख 80 हजार का बिल चुकाया और शवों को ले गए।
परिजन मृतका को जैसे ही कब्र में दफना रहे थे, तभी वह हिलने और सांसें चलने पर लगी। परिजन उसे लेकर फिर से देहरादून अस्पताल गए। यहां उसे बोहरा अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन शाना की शनिवार सुबह मौत हो गई। अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों से 18 हजार रुपये देने के बाद शव देने की बात कही। इस पर परिजनों ने हंगामा काटते हुए डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया।
इस संबंध में बोहरा अस्पताल के चेयरमैन रविंद्र गुज्जर का कहना है कि परिजनों से दवा के नौ हजार व अस्पताल खर्च का नौ हजार समेत कुल 18 हजार मांगे गए थे। दवा के पैसे तो दे दिए, लेकिन अस्पताल का खर्चा देने को तैयार नहीं थे। फिर भी शव परिजनों को सौंप दिया गया है और परिजन शव लेकर हरिद्वार रवाना हो गए।