जब पटरी पर दौड़ी बिना इंजन गाड़ी

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पत्थर की गिट्टी से भरी मालगाड़ी की आठ बोगियां बिना इंजन के खटीमा की ट्रैक पर दौड़ने लगी, घटना से रेलवे कर्मियों में अफरा-तफरी मच गई। बनबसा के पास मालगाड़ी की चपेट में आने से चार बकरियों की मौत हो गई। डिब्बे ट्रैक से उतरने के बाद क्षतिग्रस्त हो गए।

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रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ी की आठ बोगियां टनकपुर रेलवे स्टेशन पर खड़ी थीं, इनमें पत्थर लदे हुए थे। यह पत्थर पीलीभीत से टनकपुर तक बिछाई जा रही ब्राडगेज लाइन के निर्माण के लिए भेजा जाना था, आज यह गिट्टी बाहर जानी थी। इसी बीच इंजन के यह डिब्बे अपने आप ही रेलवे ट्रैक पर खटीमा की ओर चलने लगे।  बिना इंजन के मालगाड़ी के डिब्बे 60 से 70 किमी की स्पीड में दौड़ रहे थे। टनकपुर से खटीमा की ओर ढलान होने के कारण मालगाड़ी की स्पीड बढ़ती जा रही थी। घटना के बाद स्टेशन पर तैनात अधिकारी, कर्मचारियों व आसपास खड़े लोगों में अफरा-तफरी मच गई।

घटना की सूचना रेलवे स्टेशन के प्रभारी केडी कापड़ी ने बनबसा व खटीमा के अधिकारियों को दी।  इस बीच टनकपुर से खटीमा तक पड़ने वाले फाटकों को भी सूचना देकर सतर्कता बरतने को कहा गया। कापड़ी ने बताया कि खटीमा के पास रेलवे ट्रैक पर चल रहे निर्माण कार्य के लिए खड़ा ट्रैक्टर भी इसकी चपेट में आकर एक किमी तक घसीटते हुए गया। जिससे ट्रैक्टर को नुकसान पहुंचा है। बाद में मालगाड़ी के आगे के डिब्बे का पहिया पटरी से उतरने से डिब्बे रूक सके। बिना इंजन के मालगाड़ी चलने का यह पहला मामला बताया जा रहा है। रेलवे विभाग द्वारा समय पर सूचना नहीं दी गई होती तो बनबसा रेलवे क्रासिंग ट्रैक पर बड़ा हादसा हो सकता था। दिन के समय इस गेट के पास भारत व नेपाल के लोगों की पैदल व वाहनों में आवाजाही काफी रहती हैं। समय पर सूचना मिलने पर यहां बने क्रासिंग बैरियर को बंद कर दिया गया था। जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया।