ट्रेन की चपेट में आये दो हाथियों की मौत

0
798

उधमसिंह नगर, पंतनगर के हल्दी रेलवे स्टेशन क्षेत्र में ट्रेन की चपेट में आज सुबह आये दो हाथी। रानीखेत एक्सप्रेस की चपेट में आये दो मादा हाथी पानी की तलाश में आये थे, 2 से 3 साल के बताए जा रहे दोनों हाथी, दोनों की मौके पर हुई मौत।

नजर डालते हैं इन आंकड़ों पर जो हाथी ट्रेन से अब तक मारे गए है:

  • 1992 में एक के बाद एक पांच हाथियों की मौत हुई। जिसमें 3 मादा और एक नर शामिल था।
  • 1994 में दो हाथी फिर से ट्रेन की चपेट में आकर मौत हो गई।
  • 1998 में लगभग 6 हाथी मारे गए जिसमे से 3 मादा हाथी प्रेग्नेंट थी।
  • 2000 और 2001 में लगभग 4 हाथियों को ट्रेन ने मौत के घाट उतार दिया।
  • 2002 में 2 और 2003 में लगभग 2 हाथी ट्रेन की चपेट में आकर दम तोड़ा।

WhatsApp Image 2017-04-17 at 11.05.14

जबकि आज भी लालकुआं में दो हाथियों की मौत ट्रेन से ही हुई है। विभाग की जानकारी के अनुसार ऐसा नहीं है की ट्रेन ही इन हाथियों की मौत का कारण है। इसके साथ ही जंगलो से निकलने वाले हाईटेंशन तार भी हाथियों की मौत की बड़ी वजह है। लगभग 10 हाथी अब तक करंट लगने के कारण दुनिया से रुखसत हो चुके हैं। जबकि शिकारियों की गोली से भी लगभग 7 हाथी मारे जा चुके हैं। प्राकृतिक मौत से गढ़वाल में ही 100 से ज्यादा हाथीयों की मौत हो चुकी है जबकि सरकारी गोली यानी ट्रेंकुलाइज से भी कई हाथी मरे गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि आप नेशनल पार्क में गति लगभग 30 से 35 किलोमीटर प्रति घण्टा रखे, लेकिन फिर भी यह घटनायें रूकने का नाम नहीं ले रहीं है।