बेबी किन्नर के हत्यारों को उम्रकैद

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देहरादून। चर्चित बेबी किन्नर हत्याकांड के दोषियों को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय अजय चौधरी की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। उन पर 65-65 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है, जिसे अदा न करने पर उन्हें छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। बेबी की हत्या उसकी चेली सारिका और ड्राइवर सुरेश ने की थी।

जिला शासकीय अधिवक्ता जेके जोशी ने बताया कि मूल रूप से नरकटिया रोड मोहल्ला पछगंदिया थाना सुमादरा पश्चिमी चंपारण, बेतिया (बिहार) की रहने वाली सारिका, दून में बेबी बाजवा किन्नर के साथ उसके प्रेमनगर विंग नंबर-7 स्थित मकान नंबर-12 में रहती थी। 24 मई 2007 को सारिका व बेबी का ड्राइवर सुरेश कुमार पुत्र स्व. रामनाथ हाल निवासी मिट्ठीबेड़ी प्रेमनगर मूल निवासी 36/50/2 सिपाही मोहल्ला अंबाला (हरियाणा) पुलिस के पास पहुंचे और बताया कि बेबी 11 मार्च 2007 से लापता है। दोनों का कहना था कि बेबी पंजाब घूमने गई और वापस नहीं लौटी। जांच के दौरान एक किन्नर रजनी ने पुलिस के समक्ष सुरेश और सारिका पर बेबी की हत्या करने का शक जताया। इसके बाद पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो सुरेश और सारिका ने हत्या करने की बात कबूल कर ली। दोनों ने 11 मार्च को बेबी की हत्या कर शव को उसके घर के गैराज में गाड़ दिया था। पुलिस ने दोनों की निशानदेही पर शव बरामद करने के साथ ही सुरेश और सारिका के पास से 1.430 किलोग्राम चांदी और 2.240 किलोग्राम सोने के गहने भी बरामद किए। अदालत ने बीते गुरुवार को दोनों को हत्या व लूट समेत आइपीसी की चार धाराओं में दोषी करार दिया था। अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से नौ और बचाव पक्ष की ओर से एक गवाह पेश किया गया।
गुरु बन संपत्ति हड़पना चाहती थी
बेबी अपने समूह की मुखिया थी। 100 से ज्यादा किन्न्नरों पर उसका ही सिक्का चलता था। इससे उसने करोड़ों की संपत्ति भी बनाई। यह सब देख सारिका की नीयत में खोट आ गया। वह समूह की मुखिया बनने के साथ ही बेबी की संपत्ति भी हड़पना चाहती थी। इसीलिए उसने सुरेश के साथ साजिश रचकर हत्याकांड को अंजाम दिया। 10 साल पहले हुए इस हत्याकांड में पुलिस ने 22 जुलाई 2007 को चार्जशीट अदालत में दाखिल की। चार्जशीट में पुलिस ने साक्ष्यों के साथ सारिका की मंशा की पुष्टि की।