100 दिन सरकार के, 100 दिन विकास के: मुख्यमंत्री

0
672
18 मार्च, 2017 को प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कार्यभार संभाला। राज्य गठन के बाद विधान सभा चुनाव में पहली बार किसी पार्टी को इतना प्रचंड बहुमत मिला है। प्रचंड बहुमत मिलने पर सरकार से जनता की अपेक्षाएं अधिक बढ़ जाती है। ऐसे में जनता की अपेक्षाओं और राज्य के विकास के लिए एक ठोस रोडमैप तैयार करना वर्तमान सरकार की प्राथमिकता बन जाती है। मुख्यमंत्री ने नेतृत्व में वर्तमान राज्य सरकार 25 जून, 2017 को 100 दिन पूरे  किये। इन 100 दिन में यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि राज्य सरकार की प्राथमिकता क्या है और वह किस दिशा में आगे बढ़ रही है। अपना सरकार की फैसलों के बारे में मुख्यमंत्री ने बताया कि:
  • पहले ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेलवे लाइन की घोषणा हुई थी, लेकिन सरकार के प्रयासों से अब यह परियोजना बद्रीनाथ धाम व सोनप्रयाग तक स्वीकृत हो चुकी है। इसके साथ ही मुज्जफरनगर-देवबंद के मध्य भी रेल लाइन शीघ्र पूरी होने वाली है।
  • केन्द्र सरकार ने स्थानीय युवाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण देने एवं उनकी आजीविका के साधनों को बढ़ाने लिये कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय का क्षेत्रीय कार्यालय भी देहरादून में खोलने का निर्णय लिया है।
  • लोक निर्माण, पेयजल, जल संस्थान, सिंचाई, ग्रामीण अभियंत्रण जैसे विभागों को उनके नियमित बजट के अतिरिक्त 250 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है।
  • सरकार द्वारा शीघ्र ही 200 डाॅक्टरों के पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। इसके लिए चिकित्सा चयन बोर्ड के माध्यम से कार्य किया जा रहा है।
  • सीमांत एवं लघु किसानों को 2 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जायेगा। लक्ष्य है कि इस योजना से 1 लाख किसानों को स्वरोजगार से जोड़ा जा सके।
  • मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये है कि 2021 तक सबको आवास उपलब्ध होना चाहिए।
  • साल 2017 तक प्रत्येक गांव, 2018 तक हर तोक तथा 2019 तक हर घर को बिजली से जोड़ा जाय।
  • केन्द्र सरकार द्वारा राज्य में पाॅवर सेक्टर के विकास के लिए एडीबी से मिलने वाले 819.20 करोड़ रूपये के ऋण के लिए दी सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है। इससे राज्य में नई ट्रांसमिशन लाइन के साथ नए सब स्टेशन होंगे स्थापित होंगे।
  • देहरादून, हल्द्वानी एवं हरिद्वार को जल्द रिंग रोड़ मिलेगी। गढ़वाल एवं कुमाऊं की कनेक्टिविटी  के लिए कंडी मार्ग खुलेगा। भारत सरकार से 22 सड़कों को राष्ट्रीय हाईवे बनाने पर सहमति मिली है।
  • 5 करोड़ रुपये धनराशि तक के कार्य राज्य के मूल निवासियों को ही दिये जायेंगे। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।
  • करप्शन पर जीरो टालरेंस के सिद्धांत का कड़ाई से पालन करते हुए एनएच74 केस को सी.बी.आई. को भेजा और जब तक सी.बी.आई. ने इस केस को ले नही लिया, तब एस.आई.टी. अपना काम कर रही है।
  • केन्द्र सरकार ने देहरादून को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिये भी चुना है।

बहरहाल सरकार ने अपने 100 दिन पुरे होने पर उपलबद्धियां तो कई गिनाी हैं लेकिन ये बात बी तय है कि ये 100 दिन त्रिवेंद्र सिंह रावत के लिये राजनीतिक रूप से भी काफी कक्रिय रहे हैं। पार्टी के अंदर और मंत्रीमंडल के कई सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री का तालमेल न होना पाना जगजाहिर रहा है। चाहे वो पर्यटन मंत्री सतपाल माहराज से समन्वय न बैठने की बात हो या फिर वन मंत्री हरक सिंह रावत का खुले तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को बेहतर बताना। 100 दिनों में किसी बी सरकार या राजनेता को फेलपास करने जल्दबाजी हो सकती है पर इतना तो तय है कि मुख्यमंत्री के सामने आने वाले दिनों में राज्य को विकास का डबल इंजन देना और पार्टी और मंत्रियों की गाड़ी को भी पटरी पर रखने की चुनौती रहेगी।