रिपोर्ट नहीं देने के मामले में ऊर्जा निगम को लगाई फटकार

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देहरादून। लंबित बिजली कनेक्शन की रिपोर्ट नहीं देने के मामले में उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) ने सुनवाई की और ऊर्जा निगम के ‘बहानों’ पर तल्ख टिप्पणी करते हुए जमकर फटकार लगाई। साथ ही फैसला सुरक्षित रख लिया। इस मामले में आयोग की ओर से कड़ा आदेश आने की संभावना है।

आयोग के अध्यक्ष सुभाष कुमार ने कहा कि रेगलूेशन बने एक दशक हो चुका है, पर निगम इनका अभी तक पालन नहीं कर पा रहा है। यह गंभीर स्थिति है। पहले कम से कम तीन-चार महीने में लंबित कनेक्शनों की रिपोर्ट आ जाती थी, लेकिन हद है कि पिछले नौ महीने में एक बार भी रिपोर्ट नहीं दी गई। जबकि, हर महीने रिपोर्ट प्रस्तुत करने का प्रावधान है। इसी अंदाजा लग सकता है कि व्यवस्थाएं सुधर रही हैं, या बिगड़ रही हैं। आयोग ने सुनवाई में ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा और निदेशक परिचालन अतुल अग्रवाल से कनेक्शन समय पर जारी नहीं होने का कारण पूछा तो कहा गया कि फील्ड स्टाफ की भारी कमी है। आयोग ने कहा कि ये कोई तर्क नहीं हुआ, रेगूलेशन का पालन करते हुए उपभोक्ता को कनेक्शन समय पर देना निगम की जिम्मेदारी है। कई रिपोर्ट में कनेक्शन जारी करने में हुई देरी का कारण मीटर उपलब्ध नहीं होना अंकित किया है। क्या निगम मीटर का इंतजाम भी नहीं कर पा रहा। फिर, निगम के अधिकारियों ने कहा कि अगर जुर्माना माफ कर दिया जाए तो सुधार हो जाएगा। आयोग ने कहा कि ये तो अजीब बात हुई। जब जुर्माना लगने के बावजूद स्थिति और सुधरने के बजाय बिगड़ रही है, अगर माफ कर दिया तो फिर तो निगम बेलगाम हो जाएगा। कहा कि निगम प्रबंधन ने आजतक कोई ऐसी योजना नहीं बनाई, जिससे सुधार हो। बहाने बनाने के बजाय सिस्टम में सुधार की जरूरत है। इस दौरान यूईआरसी सचिव नीरज सती, निदेशक तकनीकी प्रभात डिमरी, निदेशक वित्त दीपक पांडे आदि मौजूद रहे।