उत्तराखंड को मिलना चाहिए आरक्षण का लाभ: उपाध्याय

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श्रीनगर/गढ़वाल। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड की 63 प्रतिशत भूमि वन भूमि है। जंगलों को सुरक्षित रखते हुए उत्तराखंड की जनता देश को शुद्ध वायु और जल भी देते हैं। वन वासी होने के नाते लोगों को केंद्र सरकार की सभी सेवाओं में आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए।

श्रीनगर में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजधानी का मसला भाजपा ने ही उलझाया। उत्तराखंड राज्य बनते समय उप्र और केंद्र में भाजपा की ही सरकार थी। उसी समय राजधानी का मसला भी हल हो जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड छोटा प्रदेश है यहां ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन दो राजधानियों का होना कोई औचित्य नहीं है। फिर इस समय केंद्र और प्रदेश में भाजपा की ही सरकार है। इसलिए उसे शीघ्र ही स्थाई राजधानी की घोषणा करनी चाहिए।
उपाध्याय ने मध्य हिमालयी राज्यों के लिए विकास को लेकर अलग नीति बनने पर विशेष जोर देते हुए कहा कि राज्य बने 18 साल हो गए उत्तराखंड के विकास का कोई मॉडल नहीं बन सका। केंद्र और प्रदेश में भाजपा की ही सरकार है, इसलिए यूपी के साथ परिसंपत्तियों का मामला सुलझ जाना चाहिए। जल, जंगल, जमीन से सम्बन्धित चुनौतियां हैं, उनका भी समाधान शीघ्र होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जंगलों की रक्षा को लेकर उत्तराखंडियों को रसोई गैस में 50 प्रतिशत सब्सिडी के साथ ही बिजली में भी 50 प्रतिशत सब्सिडी मिलनी चाहिए। इस मौके पर श्रीनगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष वीरेंद्र नेगी, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप तिवाड़ी, कांग्रेस के जिला महामंत्री गणेश भट्ट, कांग्रेस के प्रदेश मंत्री उम्मेद सिंह मेहरा, नाथू लाल टम्टा, विजय रावल, सभासद भगत डागर, दीपक भंडारी, पंकज रतूड़ी सहित अन्य कई वरिष्ठ कांग्रेसी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।