देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) ने जबरन आमरण अनशन से उठाए जाने का आरोप लगाते हुए शनिवार को द्रोण चौक पर प्रदेश सरकार का पुतला दहन किया।
यूकेडी कार्यकर्ता घुड़दौड़ी इंजीनियरिंग कॉलेज पौड़ी में भ्रष्टाचार और 220 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के भविष्य से संबंधित अनियमितताओं की जांच की मांग को लेकर बीते 28 नवम्बर से आमरण अनशन कर रहे थे। आरोप है कि शुक्रवार को जिला प्रशासन द्वारा आमरण अनशनकारी यूकेडी जिलाध्यक्ष सुबोध पोखरियाल को जबरन धरना स्थल से उठा दिया गया। सुबोध पोखरियाल ने कहा कि प्रदेश सरकार के इशारे पर जिला प्रशासन उनकी मांगे सुनने के बजाए जबरन आमरण अनशन से उठाए जाने और आंदोलन को कुचलने का प्रयास करने के विरोध में प्रदेश सरकार का पुतला दहन किया।
सुबोध पोखरियाल ने कहा कि जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली प्रदेश सरकार घुड़दौड़ी इंजीनियरिंग कॉलेज में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच कराने से डर रही है। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में प्रदेश सरकार की सक्रियता का यह आलम है कि जांच की बात तो दूर उल्टा जांच की मांग करने वाले आंदोलनकारियों के लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन कर रही है। महानगर अध्यक्ष संजय छेत्री ने कहा कि आमरण अनशनकारी सुबोध पोखरियाल को जबरन धरना स्थल से उठाया गया और अस्पताल में ले जाकर जबरन ड्रिप चढ़ा कर उनका अनशन समाप्त कर दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार ने भले ही पोखरियाल का जबरन अनशन समाप्त करवा दिया लेकिन उनकी भूख हड़ताल मांगे पूरी होने तक जारी रहेगी।
पोखरियाल का कहना है कि तीन मांगे तत्काल मनी जानी चाहिए जोे की जिला प्रशासन के अधिकार क्षेत्र में आती है। उनका कहना है कि अनियमितताओं में शामिल ठेकेदारों को तत्काल ब्लैक लिस्टेड किया जाए। इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रधानाचार्य द्वारा भ्रष्टाचार में लिप्त आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए और 220 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को उपनल के माध्यम से समायोजित किया जाए।