जवानों पर दर्ज एफआइआर के विरोध में यूकेडी ने किया प्रदर्शन, लिंक एक्सप्रेस रोका

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देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) महानगर इकाई ने जम्मू कश्मीर में 10 गढ़वाल रेजीमेंट के जवानों पर दर्ज की गई एफआइआर के विरोध में देहरादून रेलवे स्टेशन में लिंक एक्सप्रेस को रोककर प्रदर्शन किया। यूकेडी ने केंद्र सरकार व जम्मू कश्मीर सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
यूकेडी कार्यकर्ता सुबह 11 बजे यूकेडी राजधानी स्थित पार्टी कार्यालय में एकत्रित हुए। बरसात के चलते अपेक्षाकृत कम कार्यकर्ताओं के पहुंचने के कारण यूकेडी नेताओं ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए छापामार गोरिल्ला रणनीति का इस्तेमाल किया। इसके तहत बीस-बीस कार्यकर्ताओं की टोली बनाते हुए लगभग 80 कार्यकर्ता दोपहर 1.00 बजे मुख्य द्वार के बजाय अलग-अलग वैकल्पिक रास्तों से रेलवे स्टेशन के भीतर दाखिल हुए। ऋषिकेश के युवा नगर अध्यक्ष मोहित डोभाल के नेतृत्व में 10 कार्यकर्ताओं की टोली मुख्य द्वार से रेलवे स्टेशन के भीतर दाखिल हुई। जिन्हें पुलिस ने तत्काल हिरासत में ले लिया।
पुलिस इस गफलत में रही कि सभी यूकेडी कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया है। लेकिन लगभग 1:15 बजे रेल का इंजन चालू होते ही अलग-अलग टोलियों से रेलवे स्टेशन के भीतर पहुंचे कार्यकर्ताओं ने रेलवे ट्रैक जाम कर दिया। जब तक पुलिस प्रदर्शनकारियों को काबू करती तब तक दर्जनों महिलाएं तथा पुरुष रेल के इंजन के ऊपर चढ़ गए और केंद्र सरकार तथा जम्मू कश्मीर सरकार के विरोध में जोरदार नारेबाजी करते हुए सेनाओं के ऊपर दर्ज झूठे मुकदमों को तत्काल वापस करने की मांग करने लगे।
महानगर अध्यक्ष संजय क्षेत्री ने कहा कि 10 गढ़वाल राइफल के जवानों पर दर्ज किए गए झूठे मुकदमों द्वारा केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर की सत्ता पर बने रहने के उद्देश्य से अलगाववादी तुष्टिकरण की राजनीति की जा रही है। इससे उत्तराखंड मूल्य जवानों की छवि पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है।
इस बीच यूकेडी कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ तीखी नोकझोंक भी हुई। पुलिस बामुश्किल 1:25 बजे लंबी जद्दोजहद के बाद कार्यकर्ताओं को रेल के इंजन से उतारने में सफल हो पाई लेकिन तब तक कार्यकर्ता 5 मिनट से अधिक समय तक लिंक एक्सप्रेस को रोक कर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वालों में केंद्रीय महामंत्री जय प्रकाश उपाध्याय, वरिष्ठ नेता लताफत हुसैन ,मोहित डोभाल, सोहन भट्ट ,रोशन बलूनी ,सुरेंद्र पोखरियाल ,मुकेश कोठारी, गौरव उनियाल, ललित कुमार, विजय क्षेत्री, धीरेंद्र बिष्ट ,इमरान अहमद, रूबी खान समेत लगभग 80 कार्यकर्ता शामिल थे।