राजनीतिक व्यस्तता से दूर आध्यात्मिक ध्यान व सुकून के लिए केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती सोमवार को पौराणिक द्वारका की द्रोणीगिरि पर्वत श्रृंखला स्थित पांडवखोली, अल्मोड़ा पहुंची। उनका प्रवास बेहद गोपनीय रखा गया है। सिर्फ सुरक्षा कर्मी और स्टॉफ को ही वहां आने-जाने की इजाजत है। वह यहां कुकुछिना (कौरवछीना) की ऊपरी पहाड़ी पांडवखोली में ध्यान लगाएंगी। विख्यात गुफा में ही उनके विश्राम की भी संभावना है। केंद्रीय मंत्री ने यहां मीडिया से भी दूरी बना रखी है।
आध्यात्मिक पौराणिक दूनागिरि एवं पांडवखोली की पहाड़ी में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती तीसरी बार यहां अध्यात्म की खोज में पहुंची हैं। इससे पूर्व इसी साल फरवरी में भी वह कुकुछीना पहुचीं थी। जहां उन्होंने ध्यान लगाया था। अब करीब तीन माह बाद वह इन सुरम्य, आध्यात्मिक व एतिहासिक वादियों में पहुंची हैं। बताया जाता है कि उमा भारती को यहां प्राकृतिक व आध्यात्मिक अनुभूति के साथ सकारात्मक तरंगों का जबर्दस्त अहसास हुआ है। इसी कारण ध्यान में कोई व्यवधान न पहुंचे, उनके दौरे को बेहद गोपनीय रखा गया है।
इधर तहसील व पुलिस प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था के अलावा किसी और की मौजूदगी द्रोणगिरि पर्वत श्रृंखला के इर्दगिर्द नहीं देखी गई। क्षेत्र में उनकी बढ़ती मौजूदगी से दुनागिरि क्षेत्र में किसी महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत होने के भी कयास लगाए जा रहे हैं।