अन्डरवर्ड डान को सितारगंज की जेल में आम कैदियों की तरह ही अपनी दिनचर्चा काटनी होगी और खेती के साथ ही खाना भी बनाना होगा। डान को व्यस्त रखने के लिए जेल प्रशासन ने कई काम डान को सौंप दिये हैं। आम कैदियों के साथ डान भी अब पसीना बहायेगा। और डान के हाथों से बने खाने का स्वाद जेल प्रशासन और कैदी लेंगे। सितारगंज सेंट्रल जेल में अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे उर्फ पीपी के आने के बाद जहां उसकी सुरक्षा को लेकर अधिकारी रणनीति बनाने में जुटे हैं। वहीं अधिकारियों ने मंथन कर निर्णय लिया है कि गया कि डॉन को व्यस्त रखने के लिए उससे जेल में खेती कराई जाएगी और खाना बनवाया जाएगा, ताकि उसे काम में लगाकर उस पर आसानी से नजर रखी जा सके।
दस साल पहले 2007 में पीपी नैनीताल जेल से पेशी के दौरान भाग चुका है। उसके भागने में एक पुलिसकर्मी का हाथ पाया गया था। इसलिए जेल प्रशासन डॉन की सुरक्षा को लेकर बेहद चौकन्ना है। वर्तमान में भी सेंट्रल जेल में डॉन खूंखार बंदियों के साथ रह रहा है। यहां पर हाई सिक्योरिटी बैरक भी नहीं है। जेल प्रशासन के उच्चाधिकारियों का भी मानना है कि सुरक्षा में चूक होने पर डॉन मुसीबत खड़ी कर सकता है। जेल अधीक्षक टीडी जोशी ने बताया कि पीपी खूंखार कैदियों के बीच सजा काट रहा है। ऐसे में वह कोई न कोई रणनीति बना सकता है। इसलिए बंदियों को व्यस्त रखने के लिए यहां काम कराने का प्रावधान है।
बंदियों की काम में व्यस्तता होने से उन्हें खुराफात में दिमाग लगाने का समय नहीं मिलेगा। काम नहीं होने से बंदी जेल में तरह-तरह के हथकंडे, साजिश रचने लगते हैं। जेल अधीक्षक ने कहा कि डॉन की व्यस्तता बढ़ाई जाएगी। गौरतलब है कि प्रकाश पांडे उर्फ पीपी को सोमवार को देहरादून जेल से सितारगंज सेंट्रल जेल स्थानांतरित किया गया है।