कौन है वो जो स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सरकारी दफ्तरों में बैठे है? कौन है वो जो सरकारी फाईलों को टटोल रहे हैं? कौन है वो जो बिना अधिकारी की मौजूदगी में गोपनीय दस्तावेजों के साथ खिलवाड कर रहे है? जी हां, एसे ही कई सवाल उभरते है जब तहसील में छु्ट्टी के दिन बाहरी लोग कार्यलाय में बैठ कर सरकारी फाईलों से छेडछाड कर रहे हो।
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देश भर में जहां स्वतंत्रता दिवस का पर्व धूम धाम से मनाया जा रहा है वहीं उत्तराखण्ड के जनपद उधमसिंनहगर की काशीपुर तहसील में अनोखा ही नजारा देखने को मिला। यहां बिना सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की मौजूदगी के बाहरी लोग कार्यालय खोल कर बैठे थे और सरकारी दस्तावेजों को टटोल रहे थे। पटवारियों के कक्ष में बैठे ये बाहरी लोग आखिर क्या कर रहे थे? और अवकाश के दिन आखिर ये लोग बिना पटवारियों की मौजूदगी के उनके कक्ष में फाईलों को क्यो टटोल रहे थे? इसको लेकर कई सवाल खडे होते हैं। जबकि इससे पहले लगातार सरकारी कार्यलयों से फाईल चोरी होने के कई मामले सामने आ चुके है। खसतौर पर मुआवजा घोटाले से जुटी कई फाईले काशीपुर और जसपुर जनपद की कई तहसीलों से गायब भी हुई है।
एेसे में बाहरी लोगों से काम लेने वाले पटवारियों की भूमिका पहले से ही संदेह के घेरे में रही है वहीं अब इस मामले के सामने् आने से जाहिर हो चुका है कि तहसील में पटवारियों द्वारा बाहरी लोगों से काम लिया जाता है। जिससे विभागिय गोपनीयता तो भंग होती ही है साथ ही सरकारी फाईलें भी गायब होती रहती है। यही नहीं, कार्यलयों से कम्प्यूटर तक गायब हुए है।
आपको बता दें की कार्यों में लापरवाही को लेकर कई अधिकारियों और कर्मचारियों पर मुआवजा घोटाले की तलवार तक लटकी हुई है। वहीं इस मामले में उच्च अधिकारियों के संज्ञान में मामला तो दिया गया मगर कोई भी मौके पर नहीं पहुंचा और ना ही कार्यवाही ही की गयी, जिससे पुरे महकमे की ही भूमिका पर सवाल उठने लाजमी है।