दून के कैफे बन रहे हैं नये गायकों के लिये लॉंचपैड

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दून अब किसी भी मामले में मेट्रोपॉलिटन सिटी से कम नही है चाहे वो फैशन ट्रैंड हो,या फिर यहां के युवाओं का स्टाईल हो या फिर यहां के अलग-अलग थीम कैफे ही क्यों ना हो। खाने के शौकिनों के लिए दून अब ‘फूड-हब’ बन चुका है, चाहे मोमो,बर्गर,सूप,साउथ इंडियन हो या फिर किसी भी तरह का खाना हो।

Melodic Watch Band
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शहर में एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के साथ ही शहर में युवाओं की तादाद भी बढ़ रही है।इन युवाओं के लिये शहर में तरह तरह के कैफे कुछ पल अपने दोस्तों के साथ गुजारने की मुफीद जगह बन बये हैं। ये कैफे ना केवल लोगों को खाने की वेरायटी दे रहे बल्कि बहुत से उभरते कलाकारों को अपनी कला लोगों तक पहुचाने का मंच भी दे रहे हैं। इन दिनों दून के सभी कैफे और आउटलेट्स में थीम के साथ-साथ लाइव म्यूजिक का ट्रेंड भी लगातार बढ़ रहा है, वो चाहे बड़े होटल हो या फिर छोटे-छोटे कैफे।

शहर का मशहूर वर्लड इंटिग्रेशन सेंटर (डब्लूआईसी) इस लिस्ट में एक ऐसी जगह है जहां आए दिन मेंबरों के लिये कुछ नया ऐक्सपीरियेंस होता रहता है। कभी लाइव म्यूजिक तो कभी इवेंट यह क्लब आए दिन नए-नए ईवेंटस से भरा रहता है। डब्लूआईसी के संचालक सचिन उपाध्याय बताते हैंं कि, “डब्लूआईसी का मकसद ही नई प्रतिभाओं को मौका देने का है। ये कलाऐं संगीत, कला, साहित्य किसी भी क्षेत्र से हो सकती हैं। हमने ये सिलसिला साल 2012 से शुरू किया था और अब अच्छा लगता है कति शहर में सब जगह इसी फोलो किया जा रहा है।”

वहीं दूसरी तरफ ओल्ड मसूरी रोड पर स्थित “स्ट्रिंग एंड बोल” भी युवाओं को खासा पसंद आ रहा है। जब कभी युवाओं को शहर से दूर कहीं शांति में जाने की इच्छा होती है तो एस-एंड-बी उनकी पहली पसंद है। यहां अलग-अलग तरह के व्यंजनों के साथ ही लाइव म्यूजिक भी ग्राहकों का मन लुभाने के लिये रहता है। इस आउटलेट के मालिक रोहित जोशी पहले एक फेमस बैंड ‘स्वास्तिक’ के गिटारिस्ट भी रह चुके हैं। खुद एक म्यूजिकल बैकग्राउंड से होने की वजह से उन्होंने अपने कैफे को म्यूजिकल थीम में तैयार किया है जिसमें यह लाईव म्यूजिक को काफी प्रमोट किया जाता है। रोहित बताते हैं कि, “कैफे में आने वाले कस्टमर हमारे थीम से तो इंप्रेस होते ही हैं साथ में हमारे लाइव म्यूजिक का आनंद भी वो पूरी तरह से लेते हैं।” रोहित के मुताबिक उनका कैफे देहरादून का एक ऐसा कैफे है जहां हर समय खाने के साथ लाइव म्यूजिक सुनने को मिलता है।

लाइव म्यूज़िक के साथ-साथ अब कैफे में स्टोरी टेलिंग, टैटू मेकिंग, टैरो कार्ड रिडिंग जैसी एक्टिविटी भी होने लगी है जोकि लोगों को भा रहीं है।यूं तो देहरादून किसी भी क्षेत्र में मेट्रोपॉलिटन शहरों से कम नहीं है और ऐसे कैफे के माध्यम से उभरते कलाकारों के साथ कैफे को भी अपने आप को मार्डन शहरों गोवा और शिलांँग जैसे कल्चर को दिखाने का मौका मिल रहा है।शायद यहीं कारण हैं कि आए दिन देहरादून के कलाकार अलग-अलग शो में नेशनल टीवी पर नज़र आ रहे हैं और उनके इस एक्सपोज़ में दून के कैफे का बड़ा हाथ है।