उत्तरकाशी नालूपानी बस हादसा में 19 की मौत, मुख्यमंत्री ने मैजिस्ट्रेट जाँच के दिये निर्देश

0
954

उत्तरकाशी के नालूपानी में एक बस हादसे का शिकार हो गये हैं। बस में अधिक्तर यात्री इन्दौर, मध्यप्रदेश के रहने वाले थे। यह हादसा 5:30 बजे शाम को हुअा। बस में मौजूद क़रीब 19 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है और 7 घायलों को बचाया गया हैं। एडीजी राम सिंह मीणा के बयान ने इसकी पुष्टी करी अौर बताया कि बस का टायर निकलने से यह हादसा हुआ।उत्तराखंड के पहाड़ी इलाको में सड़के हादसे रुकने का नाम नही ले रहे है ।कल भी अलग अलग सड़क हादसों में आदा दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी थी। बताया जा रहा है कि उत्तरकाशी के नालूपानी में गंगोत्री से आ रही बस, धरासू से 11 किलोमीटर आगे अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी।

सड़क हादसा इतना भयानक है कि बस के परखचे उड़ गए है । बस 300 मीटर गहरी गिरी है, अंधेरा होने के कारण भी रेक्सयू ओपरेशन में दिकते आ रही थी । बताया जा रहा है कि कई यात्रिओ के बहाने की भी सूचना है जिसकी खोजबीन की जा रही है।बचाव कार्य में जल पुलिस, पुलिस, आईटीबीपी के जवान लगें रहे। साथ ही डीएम और एसपी मौक़े पर पहुँच गये। साथ ही एसडीआरएफ के और भी जवान राहत के लिये भेजे गये। नदी का जल स्तर अधिक होने से बचाव और राहत के कामों में परेशानी आ रही हैं। राहत कामों में दिक़्क़त न हो इसके लिये जोशियाड़ा बैराज से पानी छोड़ना बंद कर दिया गया है ताकि जल स्तर काम रहे।

WhatsApp Image 2017-05-23 at 20.48.38

चिंयालीसौड़ अस्पताल को राहत के कामों के लिये नोडल अस्पताल बनाया गया है। राज्य सरकार के अधिकारियों ने मध्य प्रदेश सरकार के अधिकारियों से संपर्क साधा हुअा है। मध्य प्रदेश के रेज़िडेंट कमिशनर से सम्पर्क कर पल पल की जानकारियाँ साझा की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने घटना पर शोक व्यक्त किया और राहत बचाव के कामों में तेज़ी के लिये मुख्य सचिव को निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 1 लाख और गम्भीर घायलों के लिए 50,000 रुपए सहायता की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने बस दुर्घटना पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए इसकी मजिस्ट्रेटी जाँच के निर्देश दिए हैं। परिवहन आयुक्त और पुलिस को वाहनों की सख़्त जाँच के निर्देश भी दिए है। मुख्य सचिव को राहत बचाव के कार्यों को युद्दस्तर पर करने के निर्देश। बीअारअो तथा नैशनल हाइवे को चारधाम यात्रा मार्गों पर संवेदनशील स्थानों / भूस्खलन संभावित क्षेत्र पर आवश्यक सावधानियाँ रखने और क्रैश बैरीअर बनाने के निर्देश।