एक ऐसा प्रदेश जहां रोजगार की कमी से आए दिन पलायन की समस्या बनी रहती है, यह खबर लोगों के लिए एक आश्चर्य की तरह ही होगी कि उत्तराखंड राज्य ने इस वर्ष यानि 2016-2017 में इन्ट्रोप्रिन्योर को अपना व्यापार शुरु करने के लिए सबसे ज्यादा फंड दिए हैं जिसमें राज्य को पहला दर्जा मिला है।
राज्य के अर्बन डेवलेपमेंट मंत्री मदन कौशिक दिल्ली में केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्रा से मुलाकात करके लौटने के बाद इस बात की जानकारी दी। कौशिक ने बताया कि यह सफलता राज्य को पीएम रोजगार जेनेरेशन प्रोग्राम के तहत मिली है, जिसका लक्ष्य राज्य के शहरी व गांव के क्षेत्रों मे सेल्फ इम्पलायमेंट वेंचर और माइक्रो इंटरप्राइज के माध्यम से रोजगार उत्पन्न करना है।उन्होंने बताया कि जो अवसर हमने 1,173 प्रोजेक्ट के माध्यम से उत्पन्न किये, उसमें 24.5 प्रतिशत प्रोजेक्ट महिलाओं द्वारा हैंडल किये जा रहे हैं। जबकि टारगेट रुपये 23.47 करोड़ में से अब तक 25.45 करोड़ रुपये इस योजना में खर्च किए जा चुके हैं। लगभग 9,384 लोगों को रोजगार भी दिया जा चुका है।
नौकरी देने वाली श्रेणी में टेलरिंग और गारमेंट, फ्लोर मिल, केबल टीवी नेटवर्क और कंप्यूटर सेंटर के साथ मिल्क प्रोडक्शन यूनिट, फब्रिकेशन का काम और वेडिंग टेंट हाउस शुरु करने का काम चुना गया है। पहाड़ी राज्य ने अब तक अपने मेन टारगेट से 108 प्रतिशत ज्यादा का काम किया जिसमें लोगों को इनकम जनरेटेड प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए लोन दिया गया है।
एससी नौटियाल एडिशनल डायरेक्टर आफ डिर्पाटमेंट इन्डस्ट्री ने बताया कि उधमसिंह नगर को छोड़कर बाकी सभी 12 जिलों में हमें पीएमईजीबी के तहत 75 प्रोजेक्ट तक पहुंचने की सफलता मिली है।