कश्मीर के बांदीपुरा में एक आतंवादी वारदात में शहीद हुए नैनीताल जिले के कालाढूंगी स्थित पटेलिया के धर्मेन्द्र के घर में मातम का माहौल है । पैरा मिलिट्री के इस जांबाज जवान धर्मेन्द्र ने इंटर की पढ़ाई कालाढूंगी से की । जिसके बाद धर्मेन्द्र ने हल्द्वानी के एम.बी.पी.जी.कॉलेज में दाखिला लेकर बी.ए.की पढ़ाई शुरू की । द्वितीय वर्ष में ही धर्मेन्द्र भर्ती के लिए पिथौरागढ़ गए जहाँ से वो भारतीय फ़ौज का एक अभिन्न हिस्सा बन गए । दिल में देशभक्ति की अलख लेकर धर्मेन्द्र ने सन 2102 में दिवाली से पहले आगरा में ट्रेनिंग लेकर फ़ौज का पूरी तरह से हिस्सा बन गए । धर्मेन्द्र तीन भाई है जिसमें से सबसे बड़ा पवन कुमार और छोटा दीपक कुमार । पवन और दीपक अपने छोटे से खेत में अपने पिता मोहन लाल साह का कास्तकारी में हाथ बटाते है । मूल रूप से अल्मोड़ा के रहने वाले मोहन लाल साह ने बताया की कई पुस्त पहले वो कालाढूंगी के इस हिस्से में आ गए थे । शहीद धर्मेन्द्र की माँ सावित्री देवी एक गृहणी हैं । धर्मेन्द्र कुमार साह 31पैरा मिलिट्री में श्रीनगर जम्मू में बांदीपुरा में तैनात थे । धर्मेन्द्र के पिता ने बताया कि उनका खेत लगभग 3 बीगा का है जिससे बमुश्किल ही उनके घर की जरूरतों को पूरा किया जा सकता है । उन्होंने बताया कि आर्मी यूनिट से कुछ लोग आए थे जिन्होंने इस घटना के बारे में उन्हें जानकारी दी और बताया कि आज धर्मेन्द्र का शव पहुंचेगा । उनके घर में श्रद्धांजलि देने वालों का तांतां लगा हुआ है । उन्होंने कहा कि शहीद धर्मेन्द्र का पार्थिव शरीर आने के बाद कालाढूंगी के सिद्ध स्थल में अंत्येष्टि दी जाएगी । शहीद धर्मेन्द्र के छोटे भाई दीपक का कहना है कि अगर उन्हें सरकार मौका देगी तो वो भी देश के लिए लड़ने को तैयार हैं ।