शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी से भेंट की। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से उत्तराखंड से सम्बन्धित मुद्दों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड राज्य के आंगनबाडी केन्द्रों में तीन वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों में कुपोषण एवं रक्ताल्पता की कमी को रोकने के लिए आरयूटीएफ के पैकेट को परीक्षण के रूप में प्रयोग किए जाने का अनुरोध किया।
इस मौके पर मेनका गांधी ने कहा कि प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्रों में तीन माह तक हर बच्चें को 30 आरयूटीएफ के पैकेट घर में उपलब्ध कराए जाए, इससे तीन माह के भीतर कुपोषण से ग्रसित बच्चा पूर्ण स्वस्थ्य हो जाएगा। उन्होंनें बताया कि इस आहार को स्थानीय मोटा अनाज जैसे- मंडवा/रागी, चोलाई, बाजरा, सोयाबीन से बनाया जाता हैं इसमें कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन की मात्रा बहुत अधिक होती है, कुपोषण को दूर करने के लिए इन अनाजों की आवश्यकता मांग बढ़ने से पहाड़ी अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
केन्द्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री से कहा कि आरयूटीएफ को उत्तराखंड सरकार द्वारा कुपोषित बच्चों के लिए स्पेशल मिशन के तौर पर शीघ्र लागू किया जाए। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी को इस विषय में उत्तराखंड सरकार केे अधिकारियों को उचित दिशा-निर्देश दिए जाने का आश्वासन दिया।
इसके अलावा केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी ने मुख्यमंत्री से कहा कि ‘उत्तराखण्ड गोवंश अधिनियम, 2007’ में कुछ कानूनी प्रावधान सम्मिलित होने सेे वंचित रहे गए हैं। इसके लिए कानूनी प्रावधान में आवश्यक संशोधन करते हुए उत्तराखंड में गोवंश संरक्षण अधिनियम बनाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विषय पर विधि विशेषज्ञों से पूर्ण परीक्षण कर आवश्यक कार्रवार्इ की जाएगी। केन्द्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनकी गौशालाओं में उपलब्ध गोबर से गमले बनाए जा रहे हैं। इन गमलों का उपयोग छोटे पौधों को सीधे जमीन में रोपने से पौधा खराब नहीं होता है क्योंकि वन विभाग द्वारा छोटे पौधों को काले प्लास्टिक की थैलियों सहित रोप दिया जाता है। गोबर से बने गमलों का इस्तेमाल करने में आसान होगा।