उत्तराखंड में कमजोर पड़ा मानसून

0
630

उत्तराखंड में मानसून के कमजोर पड़ने के साथ ही मौसम भी साफ हो गया है। इसके बावजूद यात्रियों की मुसीबतें कम नहीं हुई हैं। पहाड़ों से गिरते मलबे से तो जान जोखिम में है ही, बरसाती नदियों का उफान भी जिंदगी पर भारी पड़ रहा है।

रविवार देर रात सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के जवानों ने कड़ी मशक्कत के बाद बदरीनाथ के पास गोविंदघाट में मलबे से बंद हाईवे खोलने में सफलता हासिल कर ली। इसके बाद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की निगहबानी में हाईवे पर फंसे वाहनों में स्लाइडिंग जोन पार कराया गया। सोमवार से हाईवे पर यातायात पूरी तरह सुचारु हो गया है। देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि प्रदेश में अब मानसून की रफ्तार मंद पड़ चुकी है। हालांकि बुध से शुक्रवार तक कुछ क्षेत्रों में मध्यम बारिश के आसार बन रहे हैं।

दूसरी ओर सोमवार सुबह ऋषिकेश के पास बहने वाली बरसाती नदी बीन के उफान में एक बस के फंसने से 30 सवारियों की सांस अटक गई। बताया गया कि नदी पर बने रपटे से गुजरते समय एक बाइक सवार को बचाने के चक्कर में चालक बस पर से नियंत्रण खो बैठा और बस के दो टायर रपटे उतर गए। आसपास के ग्रामीणों ने तत्काल ट्रैक्टर के जरिये सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया। हालांकि कुछ देर बाद बहाव कम होने पर बस को भी निकाल लिया गया। वहीं कुमाऊं में टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे बारिश में खतरनाक साबित हो रहा है। मार्ग पर आधा दर्जन स्थानों पर नए डेंजर जोन उभर आए हैं। यहां पर पहाड़ों से गिर रहे बोल्डर यात्रियों के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं।